Sachchi Prerak Kahaniyan
Author | Major Pradeep Khare |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9386054791 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.29 kg |
Edition | First |
Sachchi Prerak Kahaniyan
आजकल 'सेल्फ हेल्प' विषय पर बहुत सारी पुस्तकें बाजार में हैं, उनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जैसे हम कोई प्रवचन पढ़ रहे हों। वे सफलता के कोरे सिद्धांतों का वर्णन करती हैं, लेकिन पाठक उनको अपने जीवन में लागू करने में बड़ी कठिनाई महसूस करते हैं। यह पुस्तक सिद्धांतों पर आधारित होने के बजाय जीवन की ऐसी वास्तविक परिस्थितियों का बखान करती है, जिनमें जीते रहते हुए साधारण लोगों ने अपने जीवन में सफलता के उन सिद्धांतों को सचमुच लागू किया और वे उपलब्धियाँ हासिल कीं, जिन्हें अधिकतर लोग असंभव मानते थे।इस पुस्तक को पढ़ते हुए आप में स्वयं को ऊर्जावान बना लेने की अंतःप्रेरणा पुनः जाग उठेगी, आपका खोया विश्वास पुनः जुट जाएगा, और जिसे कर पाने में पहले आप संकोच कर रहे थे, शंका कर रहे थे उसे करने की हिम्मत आप में आ जाएगी।सफलता की इन सच्ची गाथाओं के नायक साधारण लोग ही हैं, जिन्होंने सारी सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक, भावनात्मक विषमताओं, विपरीतताओं तथा विवशताओं के विरुद्ध संघर्ष किया और ��पने अदम्य साहस के कारण विजयी व सफल व्यक्ति के रूप में उभरे। अपने सपनों को साकार करने के लिए वे प्राणपण से जुट गए, और सफलता के मार्ग में आनेवाली हर बाधा को उन्होंने अपनी जिजीविषा से पार किया।आपको क्या पता कि आपकी सफलता की गाथा भी आनेवाले समय में प्रमुखता से प्रकाशित हो जाए!__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमभूमिका—11आभार—13प्रस्तावना—15सफलता व असफलता होती या हैं?—17 घर की लक्ष्मी बनी विजय-लक्ष्मी1. ऑटोरिशा चालक की बेटी चार्टर्ड एकाउंटेंट की परीक्षा में रही पूरे भारत में अव्वल—212. रेल चलानेवाली प्रथम महिला—263. साठ की उम्र में वह धावक बनीं—304. बाल-विवाह के विरुद्ध छेड़ा गया एक धर्मयुद्ध—335. मुंबई की बदनाम बस्ती से निकलकर न्यूयॉर्क के बार्ड कॉलेज में पढ़ने जानेवाली लड़की—366. एक हेल्पलाइन : महिलाओं की महिलाओं के लिए और महिलाओं द्वारा—417. तब की कंगाल अब सँभाल रही करोड़ों—438. एक सपना हुआ साकार—469. एक धोबिन जो हुई डॉटरेट की मानद डिग्री से सम्मानित—4910. बेघर लड़कियों के लिए अनोखा घर—5311. सामूहिक बलात्कार की शिकार चला रही देह-व्यापार के विरुद्ध अभियान—5712. पल्लवी की प्रेरणाप्रद यात्रा अंबरनाथ से न्यूयॉर्क तक—6213. वापस घर आना—66 खेल के मैदान में चमकते सितारे14. एक ड्राइवर की बेटी बनी अर्जुन पुरस्कार विजेता—7315. जन्मभूमि अमेरिका किंतु कर्मभूमि भारत—7616. गली में हॉकी खेलनेवाली बनी अर्जुन पुरस्कार विजेता—82 पढ़ाई की लगन ने दिलाया ऊँचा मुकाम17. निर्धन मेधावी छात्रों के लिए खुले आई.आई.टी. के द्वार—8718. रेलवे लाइन के बराबर में बसी झुग्गी-झोंपड़ी में रहनेवाली लड़की बोर्ड परीक्षा में आई अव्वल—9219. जरूरी नहीं है कि आई.आई.टी. में वही जा सकता हो जो ऊँचे अंक प्राप्त करनेवाला रहा है—9620. अखबार बेचनेवाले के लिए खुले आई.आई.एम. के द्वार—10021. रिशावाले का बेटा बना आई.ए.एस. 10322. मामूली स्तर से एक प्रतिष्ठित स्कूल के प्राचार्य पद तक पहुँचना—10623. मेकैनिक की बेटी बनी गोल्डन गर्ल—11024. दरजी का बेटा बना आई.ए.एस. 113 सहायक व उदारमना लोग25. अप्रयुत दवाओं को गरीबों तक पहुँचाना—11926. एक वरिष्ठ नागरिक जो बिना वेतन लिये ट्रैफिक कंट्रोल करता है—12527. कुछ भी नया करने में उम्र कोई बाधा नहीं होती—12828. वे पचास से अधिक बार रतदान कर चुके हैं—13129. गांधीवादी ऑटोवाला—13430. भले ही वह पढ़ाई पूरी न कर पाया हो पर वह पुल बना रहा है—13831. देने का आनंद—141 उद्यम को प्रणाम32. कभी मुंबई में जिसके पास फूटी कौड़ी न थी आज वह करोड़पति है!—14733. उसकी पढ़ाई छूट गई लेकिन वह विक ह्विल तकनीक का संस्थापक सी.ई.ओ. बना—15234. केवल रु. 50 से शुरू हुआ एक फलता-फूलता व्यवसाय —15735. कभी कुछ सौ रुपए वेतन पानेवाले की आज की बिक्री है दस करोड़ —16136. 17 साल का विश्व का सबसे कम उम्र का सी.ई.ओ. 16437. स्कूल की पढ़ाई बीच में छूटने के बावजूद वह आज 'ऐरेसोर्स इंफोटेक' के सी.ई.ओ. हैं —16938. अपनी साठ करोड़ डॉलर की संपात्ति में से आधा दान कर देने का संकल्प लिया है उन्होंने—17239. अपने काम के प्रति समर्पित होने की पराकाष्ठा—17640. एक खेतिहर मजदूर से एक सॉटवेयर कंपनी की सी.ई.ओ. की कुरसी तक पहुँची ज्योति—17941. बाल-विवाह के चंगुल से निकली महिला आज करोड़पति है—183 पशु-पक्षियों के मसीहा42. लावारिस पशुओं की पालनकर्ता—19143. ��ह ���ुबह कभी तो आएगी... 196 वे अपंग हैं, असमर्थ नहीं44. नेत्रहीन लड़की ने मध्य प्रदेश बोर्ड परीक्षा में टॉप किया—20145. केवल एक पैर और अपने मनोबल के साथ वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ गई—20346. उन्होंने अपनी नजर खोई है, नजरिया नहीं—20747. अपनी अपंगता को उसने कभी आड़े नहीं आने दिया—21048. जिसे आई.आई.टी.-जे.ई.ई. में नहीं बैठने दिया गया उसके लिए स्टैनफोर्ड से बुलावा आया है—21449. आई.ए.एस. बनने के लिए किया गया 15 वर्ष का संघर्ष —218 जिजीविषा के धनी50. उन्होंने अपने हाथ खोए मगर जिजीविषा नहीं खोई —22551. दोनों गुरदे खराब हो जाने के बावजूद वह बोर्ड परीक्षा में अव्वल आया—22752. उनके पैर नहीं रहे लेकिन जज्बा वैसा ही बना हुआ है—23153. कैंसर भी उनको डरा और डिगा नहीं सका—23454. इच्छाशति की पराकाष्ठा—238 गुदड़ी के लाल55. एक सेलिब्रिटी फोटोग्राफर का सफरनामा कचरा बीननेवाले हाथों से कैमरा थामने तक —24556. 13 साल की बच्ची माइक्रोबायोलॉजी में एम-एस.सी. कर रही है—249 सुपर्ब सेल्सपर्सन57. भारतीय जीवन बीमा निगम का एक एजेंट जो निगम के अध्यक्ष से भी अधिक कमाता है—25558. बरखास्त एल.आई.सी. एजेंट एम.डी.आर.टी. बना—260 आत्मानुशासन के बलवाले लोग59. जो कभी एक डाकू था आज वह एक गांधीवादी है!—26560. जीवन को बदलनेवाला संकल्प—26961. अपने काम को प्रेम करना—271 पर्यावरण के प्रेमी62. बंजर भूमि को ऑर्गेनिक फार्म में बदला—275साहस के धनी लोग63. किसी और के लिए अपनी जान जोखिम में डाल देना—28164. उसने एक चोर को पकड़ने के लिए अपनी जान को जोखिम में ले लिया—28365. ड्यूटी से भी बढ़कर कुछ करना—285
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