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Meri Himmat Jawab Deti Hai

Vishwas Vyas

Rs. 200

समकालीन हिन्दी साहित्य के परिदृश्य पर नज़र डालें तो अधिकतर व्यंग्य लेखक फूहड़ता और चुटकुलेबाज़ी करते हुए नज़र आते हैं, बहुधा स्टैंडअप कमेडियन की तरह भी। लेकिन चन्द व्यंग्य लेखक अब भी व्यंग्य विधा में श्रेष्ठता की लौ जलाये हुए हैं, विश्वास व्यास उनमें से एक हैं। व्यंग्य लेखन बेहद... Read More

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समकालीन हिन्दी साहित्य के परिदृश्य पर नज़र डालें तो अधिकतर व्यंग्य लेखक फूहड़ता और चुटकुलेबाज़ी करते हुए नज़र आते हैं, बहुधा स्टैंडअप कमेडियन की तरह भी। लेकिन चन्द व्यंग्य लेखक अब भी व्यंग्य विधा में श्रेष्ठता की लौ जलाये हुए हैं, विश्वास व्यास उनमें से एक हैं। व्यंग्य लेखन बेहद गम्भीर कार्य है और उसके द्वारा लेखक समाज में, सिस्टम में, राजनीति में व्याप्त विसंगतियों पर प्रहार करता है। मुझे याद पड़ता है कि एक बार स्वर्गीय नरेन्द्र कोहली से मैंने व्यंग्य लेखन पर प्रश्न किया था कि जब दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी एक सन्तान की मृत्यु हो गयी थी तब आपने व्यंग्य लेखन कैसे कर लिया था ? उनका जो उत्तर था वो इस विधा पर पड़े जाले को साफ़ कर देता है। कोहली जी ने तब कहा था कि व्यवस्था की विसंगतियों से आम आदमी को जो दर्द या कष्ट होता है उसका प्रकटीकरण ही व्यंग्य लेखन है। आप व्यंग्य लेखन के माध्यम से व्यवस्था की ख़ामियों को उजागर कर सकते हैं। विश्वास व्यास के इस व्यंग्य संग्रह में भी व्यवस्था की ख़ामियों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चोट है। इनकी रचनाओं में आम जन की आकांक्षाएँ, उम्मीदें, सम्भावनाएँ और संघर्ष को देखा जा सकता है। रचनाकार की जो जीवन दृष्टि है या समाज के अन्तर्विरोधों को देखने की उनकी जो दृष्टि है वो इनकी रचनाओं का केन्द्रीय तत्त्व है। - अनंत विजय
Description
समकालीन हिन्दी साहित्य के परिदृश्य पर नज़र डालें तो अधिकतर व्यंग्य लेखक फूहड़ता और चुटकुलेबाज़ी करते हुए नज़र आते हैं, बहुधा स्टैंडअप कमेडियन की तरह भी। लेकिन चन्द व्यंग्य लेखक अब भी व्यंग्य विधा में श्रेष्ठता की लौ जलाये हुए हैं, विश्वास व्यास उनमें से एक हैं। व्यंग्य लेखन बेहद गम्भीर कार्य है और उसके द्वारा लेखक समाज में, सिस्टम में, राजनीति में व्याप्त विसंगतियों पर प्रहार करता है। मुझे याद पड़ता है कि एक बार स्वर्गीय नरेन्द्र कोहली से मैंने व्यंग्य लेखन पर प्रश्न किया था कि जब दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी एक सन्तान की मृत्यु हो गयी थी तब आपने व्यंग्य लेखन कैसे कर लिया था ? उनका जो उत्तर था वो इस विधा पर पड़े जाले को साफ़ कर देता है। कोहली जी ने तब कहा था कि व्यवस्था की विसंगतियों से आम आदमी को जो दर्द या कष्ट होता है उसका प्रकटीकरण ही व्यंग्य लेखन है। आप व्यंग्य लेखन के माध्यम से व्यवस्था की ख़ामियों को उजागर कर सकते हैं। विश्वास व्यास के इस व्यंग्य संग्रह में भी व्यवस्था की ख़ामियों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चोट है। इनकी रचनाओं में आम जन की आकांक्षाएँ, उम्मीदें, सम्भावनाएँ और संघर्ष को देखा जा सकता है। रचनाकार की जो जीवन दृष्टि है या समाज के अन्तर्विरोधों को देखने की उनकी जो दृष्टि है वो इनकी रचनाओं का केन्द्रीय तत्त्व है। - अनंत विजय

Additional Information
Book Type

Hardbound

Publisher Vani Prakashan
Language Hindi
ISBN 978-9355184429
Pages 80
Publishing Year 2022

Meri Himmat Jawab Deti Hai

समकालीन हिन्दी साहित्य के परिदृश्य पर नज़र डालें तो अधिकतर व्यंग्य लेखक फूहड़ता और चुटकुलेबाज़ी करते हुए नज़र आते हैं, बहुधा स्टैंडअप कमेडियन की तरह भी। लेकिन चन्द व्यंग्य लेखक अब भी व्यंग्य विधा में श्रेष्ठता की लौ जलाये हुए हैं, विश्वास व्यास उनमें से एक हैं। व्यंग्य लेखन बेहद गम्भीर कार्य है और उसके द्वारा लेखक समाज में, सिस्टम में, राजनीति में व्याप्त विसंगतियों पर प्रहार करता है। मुझे याद पड़ता है कि एक बार स्वर्गीय नरेन्द्र कोहली से मैंने व्यंग्य लेखन पर प्रश्न किया था कि जब दिल्ली के एक अस्पताल में उनकी एक सन्तान की मृत्यु हो गयी थी तब आपने व्यंग्य लेखन कैसे कर लिया था ? उनका जो उत्तर था वो इस विधा पर पड़े जाले को साफ़ कर देता है। कोहली जी ने तब कहा था कि व्यवस्था की विसंगतियों से आम आदमी को जो दर्द या कष्ट होता है उसका प्रकटीकरण ही व्यंग्य लेखन है। आप व्यंग्य लेखन के माध्यम से व्यवस्था की ख़ामियों को उजागर कर सकते हैं। विश्वास व्यास के इस व्यंग्य संग्रह में भी व्यवस्था की ख़ामियों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चोट है। इनकी रचनाओं में आम जन की आकांक्षाएँ, उम्मीदें, सम्भावनाएँ और संघर्ष को देखा जा सकता है। रचनाकार की जो जीवन दृष्टि है या समाज के अन्तर्विरोधों को देखने की उनकी जो दृष्टि है वो इनकी रचनाओं का केन्द्रीय तत्त्व है। - अनंत विजय