जे. पी. वासवानी की जीवनी पढ़ने का अर्थ हैं, प्रेम की असीम रूपांतरणकारी शक्ति को समझना I एक प्रगतिशील सिंधी परिवार में एक विलक्षण किशोर का असाधारण पालन-पोषण और उसकी जिज्ञासा, जो उसे ग़ैरमामूली व्यक्तित्वों से भेंट करवाती हैं व् उनके अदभुत वार्तालापों के बीच ले जाती हैं, निश्चित रूप से इस पुस्तक को पठनीय बनाते हैं Iएक उदीयमान भौतिकविद को अपनी पुकार का उत्तर किसी प्रयोगशाला या शोध के क्षेत्र में नहीं, बल्कि अपने गुरु व् चाचा, साधु वासवानी के श्री चरणों में प्राप्त होता है, जो एक महान समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, लेखक व् आध्यात्मिक नेतृत्वकर्ता थे Iजे. पी. वासवानी ने अपने गुरुदेव के माध्यम से समझा कि प्रभु को मंदिरों के बंद द्वारों के भीतर नहीं पाया जा सकता, वे तो सभी पीड़ितों के दुखों व् आँसुओं में बस्ते हैं I उन्होंने अपने उल्लेखनीय करियर, वित्तीय सुरक्षा तथा ग्रहस्त जीवन का त्याग करते हुए, अपने लिए दूसरों कि सेवा करने का मार्ग चुना I वे जानते थे कि इस तरह उनका जीवन तथा मृत्यु दोनों ही समृद्ध हो जायेंगे I 97 वर्षीय जे. पी. वासवानी ने अपनी आलोकिक आभा, आँखों में चमक, अनंत ऊर्जा तथा तीक्ष्ण बुद्धि से यह प्रमाणित आकर दिया है कि युवावस्था को आयु से नहीं मापा जा सकता, यह विषय तो आपकी भावनाओं से संबंध रखता है I