'शब्दमानास' अर्थात 'शब्दों का मानसरोवर' और शब्द भी वह जिनसे, गोस्वामी तुलसीदासजी ने शिवजी के अंतःकरण में रची गई 'श्रीरामचरितमानस' को लिपिबद्ध किया. इन शब्दों को वर्णमाला के क्रम से क्रमबद्ध करके, उनके समस्त संदर्भों को एक-साथ रखकर उनके विभिन्न अर्थों को लिपिबद्ध करके 'शब्दमानास' की रचना की गई है I आप श्रद्धालु हैं, भक्त हैं, शब्द-साधक हैं, विद्वान हैं, भाषाविद हैं, शोधार्थी हैं, प्रवचनकर्ता हैं या आलोचक हैं, सभी को यह सरोवर स्नान करने के लिए आमंत्रित करता है I शब्दमानास की उपयोगिता • श्रीरामचरितमानस के समस्त 14 ,611 शब्दों के अर्थ, सन्दर्भ तथा उनसे सम्बन्धित सम्पूर्ण चौपाई/ दोहा/ सोरठा/ श्लोक/ छंद एक ही स्थान पर उपलब्ध।• श्रद्धालुओं के लिए: शब्द विशेष के गहन आध्यात्मिक अर्थ का अवगाहन करने हेतु। • शब्द-साधकों के लिए: किसी एक शब्द जैसे राम, जानकी, शंकर, हनुमान आदि से संबन्धित दोहों/ चौपाइयों का पाठ करके उनके विविध रूपों का ध्यान कर आराधना करने हेतु। • शोधार्थियों के लिए: मानस के समस्त शब्दों के अर्थ, संदर्भ एक साथ प्राप्त करने हेतु। • प्रवचनकर्ताओं के लिए: एक ही शब्द की अनेक संदर्भों में व्याख्या करने हेतु। • भाषण शास्त्रियों के लिए: मानस में शब्दों के उद्भव, गूढ़ार्थ तथा उनके अद्भुत बहुविधि प्रयोगों के अध्ययन हेतु। • मानस में प्रयुक्त शब्दों का तत्समय प्रचलित सही अर्थ ज्ञात करने और पक्षपाती आलोचनाओं के समाधान करने के लिए।