मैंने कई भाषाओं में प्यार किया है.
उम्र के अलग अलग पड़ावों पर प्रेम की बदलती भाषाएं बताती हुई ये कविता है कुंवर नारायण की. अपनी एक दूसरी कविता में उन्होंने समाज को भी कोसा. कहा-
एक अजीब सी मुश्किल में हूं इन दिनों-
मेरी भरपूर नफरत कर सकने की ताकत
दिनों-दिन क्षीण पड़ती जा रही,
मुसलमानों से नफ़रत करने चलता
तो सामने ग़ालिब आकर खड़े हो जाते
अब आप ही बताइए किसी की कुछ चलती है
उनके सामने?
अंग्रेजों से नफ़रत करना चाहता जिन्होंने दो सदी हम पर राज किया तो शेक्सपियर आड़े आ जाते जिनके मुझ पर न जाने कितने अहसान हैं|
ऐसी ढेरों कविताएं हैं जिसमें कुंवर नारायण अलग अलग तरह से अलग अलग बातें बहुत ही खूबसूरत तरीके से बयाँ करते नज़र आते हैं. कुंवर नारायण अपने समय के उन सर्वश्रेष्ठ साहित्यकारों में से रहे जिन्होंने अपनी रचनाओं में कई नए तरह के प्रयोग किये. पढ़ने वालों को एक नया नजरिया दिया. उन्होंने इतिहास के जरिये वर्तमान को देखने का एक अद्भुत तरीका दिया. नारायण ने कविताओं के अलावा कहानियाँ भी लिखीं हैं, समीक्षा भी यहाँ तक की सिनेमा और रंगमंच पर भी लेखनी दौड़ाई.
1956 में पहला काव्य संग्रह 'चक्रव्यूह' आते ही जो एक पहचान बनी, वो फिर कभी धूमिल नहीं हुई. ये उनकी कविताओं का ही जादू था कि अज्ञेय ने उस समय के प्रख्यात कवियों केदारनाथ सिंह, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविताओं के साथ तीसरे तारसप्तक में कुंवर नारायण की भी कविताओं को शामिल किया.
मृत्यु पर इतने सरल तरीके से लिखना, धार्मिक कथाओं का सहारा लेकर एक नई कविताएं गढ़ना. दो पीढी के सम्बन्धों को लेकर - कौन सा ऐसा विषय है जहाँ कुंवर नारायण की कविताएं पहुंची नहीं. अपनी इन्हीं रचनाओं के कारण कुंवर नारायण को ज्ञानपीठ पुरस्कार के अलावा साहित्य अकादमी पुरस्कार, प्रेमचंद पुरस्कार, राष्ट्रीय कबीर सम्मान और साल 2009 में पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.
आज हम आपके लिए कुंवर नारायण की कविताओं का एक संग्रह ले कर आए हैं जो एक लंबे समय बाद आया है. इस संग्रह का नाम है 'अपने सामने'.
उनकी किताब 'आत्मजयी' के बाद की ये कविताएँ रचनाकाल की दृष्टि से किसी एक ही समय की नहीं हैं और ना ही सीमाओं में बंधने वाली.
'अपने सामने' के जरिये हिन्दी के आधुनिक कवि कुंवर नारायण की कविता को दुनिया में जाने का मतलब जिन्दगी को गहराई और विस्तार से देखने और जानने का अच्छा मौका पा लेना है.
आप ये किताब यहां से ऑर्डर कर सकते हैं.
https://rekhtabooks.com/products/apne-samne