Ye Ishq Nahi Aasan
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Author | Jigar Moradabadi |
Language | Hindi |
Publisher | Rekhta Publications |
Pages | 108 |
ISBN | 978-93-94494-28-2 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.0 kg |
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ये किताब बीसवीं सदी के बेहद लोकप्रिय शायर जिगर मुरादाबादी की ग़ज़लों का संग्रह है। उनकी शायरी ग़ज़ल कहने की पुरानी परम्परा और बीसवीं सदी के मध्य और अन्त की रंगीन-निगारी का ख़ूबसूरत सम्मिश्रण है। वो शायरी में नैतिकता की शिक्षा नहीं देते लेकिन उनकी शायरी का नैतिक स्तर बहुत बुलन्द है। वो ग़ज़ल कहने के पर्दे में इंसानी ख़ामियों पर वार करते गुज़र जाते हैं। उनका कलाम बनावट से रहित और आमद से भरा हुआ है, सरमस्ती और दिल-फ़िगारी, प्रभाव और सम्पूर्णता उनके कलाम की विशिष्टताएँ है। इस किताब में उनके बेहतरीन कलाम को इकठ्ठा किया गया है जो उर्दू ग़ज़ल के हुस्न को ब-ख़ूबी बयान करती हैं।
About Author
जिगर मुरादाबादी की शायरी ग़ज़ल कहने की पुरानी परम्परा और बीसवीं सदी के मध्य और अन्त की तख़्लीक़ी उपज का ख़ूबसूरत सम्मिश्रण है। जिगर शायरी में नैतिकता की शिक्षा नहीं देते लेकिन उनकी शायरी का नैतिक स्तर बहुत बुलन्द है। वो ग़ज़ल कहने के पर्दे में इंसानी ख़ामियों पर वार करते गुज़र जाते हैं। उनका कलाम बनावट से रहितऔर आमद से भरा हुआ है, सरमस्ती और दिल-फ़िगारी, प्रभाव और सम्पूर्णता उनके कलाम की विशिष्टताएँ है।
ये किताब बीसवीं सदी के बेहद लोकप्रिय शायर जिगर मुरादाबादी की ग़ज़लों का संग्रह है। उनकी शायरी ग़ज़ल कहने की पुरानी परम्परा और बीसवीं सदी के मध्य और अन्त की रंगीन-निगारी का ख़ूबसूरत सम्मिश्रण है। वो शायरी में नैतिकता की शिक्षा नहीं देते लेकिन उनकी शायरी का नैतिक स्तर बहुत बुलन्द है। वो ग़ज़ल कहने के पर्दे में इंसानी ख़ामियों पर वार करते गुज़र जाते हैं। उनका कलाम बनावट से रहित और आमद से भरा हुआ है, सरमस्ती और दिल-फ़िगारी, प्रभाव और सम्पूर्णता उनके कलाम की विशिष्टताएँ है। इस किताब में उनके बेहतरीन कलाम को इकठ्ठा किया गया है जो उर्दू ग़ज़ल के हुस्न को ब-ख़ूबी बयान करती हैं।
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