Description
यादों का सिलसिला तो कभी ख़त्म नहीं होता I फिर भी लेखक का प्रयास रहा है कि बचपन से आज तक ज़िन्दगी की कड़ियों को जोड़कर आपके समक्ष रखा जाये Iयह बिहार के साधारण से गाँव में जन्मे एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो विभिन्न परिस्तिथियों को सहते हुए अपने दृढ़ निश्चय से लक्ष्य को प्राप्त करता है I जो अपने पूरे परिवार को साथ लेकर चला और अपने तीनों बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दिलवाई, जिससे वे आज अपने-अपने क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं I आगे बढ़ने की अदम्य इच्छा से उपलब्धियाँ स्वतः आती गई I'यादें' सरल भाषा में लिखी गयी है और एक दिलचस्प जीवन - वृत्तांत होने का अभ्यास दिलाती है I