Look Inside
Uttar Katha
share-Icon
Uttar Katha

Uttar Katha

Regular price ₹ 380
Sale price ₹ 380 Regular price ₹ 400
Unit price
Save 5%
5% off
Size guide
Icon

Pay On Delivery Available

Load-icon

Rekhta Certified

master-icon

Dedicated Support

Uttar Katha

Uttar Katha

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Rekhta-Certified

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description

छत्तीसगढ़ की संस्कृति का स्थायी? समन्वय और औदार्य रहा है । यहाँ के कहानीकारों की रचनाओं में ये भाव मुखर होते हैं । श्रीमती शशि तिवारी, श्री जगन्नाथ प्रसाद चौबे ' वनमाली ', श्री प्यारेलाल गुप्‍त श्री केशव प्रसाद वर्मा, श्री मधुकर खेर श्री टिकेंद्र टिकरिया और श्री पुन्नालाल बख्शी सहित पुरानी पीढ़ी के साहित्यकारों की कहानियों से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विशिष्‍टता पूरी भव्यता के साथ झाँकती है । उन्हीं दिनों सर्वश्री यदुनंदन प्रसाद श्रीवास्तव, स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी, घनश्याम, विश्‍वेंद्र ठाकुर, नरेंद्र श्रीवास्तव नारायणलाल परमार, शरद कोठारी, हनुमंत लाल बख्‍शी, श्याम व्यास, प्रदीप कुमार ' प्रदीप ', भारत चंद्र काबरा, प्रमोद वर्मा, चंद्रिका प्रसाद सक्सेना और देवी प्रसाद वर्मा सहित अनेक कथाकारों की कहानियाँ प्रकाश में आईं ।सन् 1956 के बाद नई कहानी के दौर में शरद देवड़ा और शानी ने राष्‍ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई । कहानी के सचेतनवादी आदोलन में मनहर चौहान सक्रियता के साथ सामने आए । ' झाड़ी ' और कुछ अन्य कहानियों के प्रकाशन के साथ श्रीकांत वर्मा ने महत्त्वपूर्ण स्थान बनाया । श्रीमती कुंतल गोयल और श्रीमती शांति यदु की कहानियाँ भी चर्चित रहीं । इनके अलावा छत्तीसगढ़ के दूरस्थ कस्बों में रहकर कुछ रचनाकारों ने अच्छी कहानियों लिखीं, जो राष्‍ट्रीय स्तर पर चर्चित रहीं ।मुद्रित कहानियों के इतिहास में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति कम-से-कम एक शताब्दी पुरानी है । पं. माधवराव सप्रे की कहानी ' एक टोकरी भर मिट्टी ' सन् 1901 में ' छत्तीसगढ़ मित्र ' में प्रकाशित हुई थी । छत्तीसगढ़ हिंदी कथा-साहित्य के सृजन का केंद्र बना रहा है । पं. लोचन प्रसाद पांडेय द्वारा छद‍्म नाम से कुछ कहानियाँ लिखे जाने का उल्लेख मिलता है । पं. मुकुटधर पांडेय और बाबू कुलदीप सहाय की कहानियाँ बीसवीं सदी के दूसरे दशक में प्रकाश���त हुईं । सन् 1915 में श्री प्यारेलाल गुप्‍त का भी एक कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ । हिंदी कहानी की प्राय सभी लहरों और आदोलनों में छत्तीसगढ़ की उपस्थिति रही है ।इस कथा संकलन में छत्तीसगढ़ के प्रतिष्‍ठ‌ित व विख्यात कथाकारों की रचनाएँ संकलित हैं, जिन्होंने हिंदी कथा- क्षेत्र में अपनी विशिष्‍ट राष्‍ट्रीय पहचान बनाई है । इनमें से अनेक हिंदी के बहुख्यात नाम हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं जो लिक्खाड़ न होने पर भी रचना की अपनी विशिष्‍ट मौलिकता और पहचान के कारण उल्लेखनीय हैं । अलग- अलग कथाकारों के अपने अलग रंग और अंदाज हैं । अंचल और उसके लोक, लोक-संस्कृति और संघर्ष की छाप, मनुष्य और समाज के संबंधों, उसकी संवेदनाओं के अक्स, अधुनातन समाज की जटिलताओं और उसके दबावों की छाप प्राय: इनमें है ।इन कहानियों में पाठकों को मिलेगा संवेदना का घनत्व, शिल्प का वैभिन्‍न्य तथा हृदय को छू जानेवाली मार्मिकता । कहानियों के रंग और लय भिन्न-भिन्न हैं, जो कथा- रस का संपूर्ण आनंद देते हैं ।

Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.


You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Related Products

Recently Viewed Products