Description
‘सपनों की नगरी' कहानी संग्रह में कवि इन्द्र बहादुर खरे द्वारा सन् 1940 से '43 के मध्य लिखी कहानियाँ हैं। ये कहानियाँ विभिन्न प्रतियोगिताओं, पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी में क्रमशः पुरस्कृत, प्रकाशित एवं प्रसारित होती आयी हैं। आज 70-72 वर्षों के बाद भी इनमें ताजगी है क्योंकि ये जीवन की क्रूर सच्चाइयों के निकट हैं। जीवन के विभिन्न रंगीन, धुंधले सपनों को 'सपनों की नगरी' में वास मिला है। संग्रह के एक-एक सपने अपनी सौरभ सुरभि से साहित्यिक नगरी की पगडण्डियों को शोभित कर रहे हैं। आशा है कवि के पूर्व में प्रकाशित अन्य संग्रह के समान पाठक के खंजन नयन कथावस्तु में गीले होते रहेंगे, पात्रों के सपनों के साथ अपने पर फैला इस संग्रह को नयी ऊँचाई देते रहेंगे। अमिय रंजन होली : 8 मार्च, 2012