Look Inside
Sansari Sannyasi
share-Icon
Sansari Sannyasi

Sansari Sannyasi

Regular price ₹ 475
Sale price ₹ 475 Regular price ₹ 500
Unit price
Save 5%
5% off
Size guide
Icon

Pay On Delivery Available

Load-icon

Rekhta Certified

master-icon

Dedicated Support

Sansari Sannyasi

Sansari Sannyasi

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Rekhta-Certified

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description

आप मेरी इस बात पर पूरा विश्वास कीजिए कि हनुमान प्रसादजी 'सूक्ष्म शरीर' बिल्कुल श्रीप्रियाजी (राधाजी) का स्वरूप हो गया है। बाहर जो दिखाई देता है, वह पाँच भौतिक ढाँचा ही है। भीतर सबकुछ भगवान् के अधिकार में आ गया है। परिणामस्वरूप भाईजी का शरीर एवं कर्मेंद्रियाँ प्रभु सेवा की निमित्त बनकर रह गई हैं।भाईजी के शरीर में रक्त नहीं बहता है, प्रेम ही प्रेम बहता है। भाई जी क्षणभर के लिए भी बाह्य जगत् में नहीं रहते हैं, उन्हें राधाजी का नित्य संग प्राप्त है। भाईजी की संपूर्ण इंद्रियाँ मात्र अपने प्राणप्रिय श्रीकृष्ण का ही विषय करती हैं। उनकी आँखें अहर्निश अपने प्रभु को देखती हैं, उनके कर्ण ब्रह्ममयी3 वेणु की ध्वनि ही सुनते हैं। उन्हें नित्य-निरंतर रोम-रोम में प्रभु का स्पर्श अनुभव होता है। भगवान् ने अनेकशः मुझे यह दिव्य संदेश दिया है कि पोद्दार प्रभु मेरे (प्रभु) के साक्षात् स्वरूप हैं। उनमें मेरे समस्त भगवदीय गुणों का प्राकट्य है, परंतु ये अपने इन गुणों का अभाव देखते हैं। यथासंभव अपने दिव्य गुणों को छिपाए रहते हैं।''भाईजी की भगवती स्थिति कैसे हो जाती है?'' एक-एक करके सभी इंद्रियाँ कार्य बंद कर देती हैं अर्थात् आँखें खुली हैं, परंतु देख नहीं रही हैं। मुँह खुला हुआ है, परंतु आवाज नहीं आ रही है; कान सुन न���ीं रहे हैं एवं स्पर्श की अनुभूति नहीं हो रही है। इंद्रियों के निष्क्रिय होते ही मन कार्य करना बंद कर देता है। मन के निष्क्रिय होने पर बुद्धि भी काम करना बंद कर देती है। ऐसी स्थिति में वृत्तियाँ 'इधर' से हटकर 'उधर' लग जाती हैं। यह 'उधर' क्या है, यह समझ नहीं सकते हैं। जब इंद्रियाँ, मन, बुद्धि एवं अहं की सत्ता समाप्त हो जाती है तो 'भगवती स्थिति' कहलाती है। यह जाग्रत्-समाधि से भी आगे की स्थिति होती है।__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमभूमिका — 7मेरी बात — 9आभार — 131. प्रवेश — 172. निष्कासन — 663. संघर्ष — 924. सेठजी (श्री जयदयाल गोयंदका) — 1235. सबके भाईजी — 1326. गीता-प्रेस, कल्याण प्रादुर्भाव — 1497. गंभीरचंद दुजारी — 1578. कल्याणमस्तु — 1649. चिम्मनलाल गोस्वामी का प्रवेश — 16810. कल्याण परिवार का पल्लवन — 17511. कृष्ण चंद्र अग्रवाल का आगमन — 18112. शांतनु बिहारी द्विवेदी का आगमन — 18413. रामचरित मानस — 19214. प्रभु की गोद में — 20115. दर्शन — 20916. प्रभु के सहचर — 21617. बाबा का प्रवेश — 22418. सचल वृंदावन — 23219. संसारी या संन्यासी — 24220. योगक्षेम वहन — 24921. रामकृष्ण डालमिया — 25522. कर्मक्षेत्रे — 26023. नोआखाली की पीड़ा — 26724. यश-अपयश विधि हाथ — 27125. विश्व हिंदू परिषद — 27326. गो रक्षा आंदोलन — 27527. कृष्ण जन्म-भूमि — 27828. वसीयत — 28229. अनोखी सच्ची साधिका — 289

Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.


You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Related Products

Recently Viewed Products