निर्मल वर्मा के ये साक्षात्कार 2 पुस्तकों में पूर्वप्रकाशित हैं। पहली पुस्तक 1998 में किताबघर की श्रृंखला 'मेरे साक्षात्कार' के लिए उन्होंने स्वयं तैयार की थी। इसमें उन्होंने हिन्दी और अंग्रेज़ी में दिये अपने साक्षात्कार शामिल किये थे। दूसरी पुस्तक ‘संसार में निर्मल वर्मा' मैंने 2006 में रेमाधव के लिए सम्पादित की थी, निर्मल जी के जाने के बाद इसमें असंकलित साक्षात्कारों के अतिरिक्त उन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों को लिपिबद्ध किया था ताकि जो पाठक उन्हें नहीं देख पाये, वे उनका लाभ उठा सकें। इस बीच सूचना-तन्त्र बदला है, यूट्यूब की सुविधा मिली है। और मैंने निर्मलजी पर बनी फ़िल्मों को वहाँ उपलब्ध कराया है। इन वर्षों में और भी कई नयी सामग्री सामने आयी हैं। जिसे संकलित होना अभी बाकी है। आज पहली पुस्तक उपलब्ध है, दूसरी नहीं। अब एक ही जिल्द में दोनों पुस्तकें ‘संसार में निर्मल वर्मा' के संवर्द्धित संस्करण में प्रस्तुत हैं। इससे पाठकों, शोधार्थियों को सारी सामग्री एक जगह मिल सके, ऐसा मेरा प्रयास है। गगन गिल 3 अप्रैल, 2019