samkalin Alochana Vimarsh
Author | Avadhesh Kumar Singh |
Language | Hindi |
Publisher | Vani Prakashan |
Pages | 168 |
ISBN | 9789350000000 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.3 kg |
Dimensions | 5.30"x8.50" |
Edition | 1st |
samkalin Alochana Vimarsh
समकालीन आलोचना विमर्श - बीसवीं सदी की आलोचना में अनेक नये आलोचना सम्प्रदायों और सिद्धान्तों की स्थापना हुई। आधुनिकतावाद, उत्तराधुनिकतावाद, उत्तर उपनिवेशवाद और पराधुनिकतावाद (आल्टर-मॉडर्निज्म) आदि ने समकालीन आलोचना विमर्श को प्रभावित किया। भारतीय आलोचना विमर्श भी इससे अछूता न रहा। पर दोनों परम्पराओं के बीच संवाद असम धरातल पर था क्योंकि उत्तर उपनिवेशकाल में भी भारतीय मनीषा को ज्ञानमीमांसात्मक उपनिवेश से मुक्ति नहीं मिली थी। परिणामस्वरूप भारतीय तथा तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य एवं प्रारूपों की अनदेखी कर अध्ययन किये गये।प्रस्तुत पुस्तक तुलनात्मक सन्दर्भ में समकालीन आलोचना विमर्श के विविध पहलुओं की समीक्षा करती है और भारतीय सांस्कृतिक यथार्थ, अनुभव और अभिव्यक्ति के साँचे में परखते हुए उनके विकल्पों और प्रारूपों को तलाशती है।
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