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सालिहा सालिहा जादुई यथार्थ और रहस्य की धुंध में लिपटी एक ही नाम की दो औरतों की कहानी है जिसमें अनाथालय में पलने वाली सालिहा, अपने वैवाहिक जीवन में निकम्मे पति और तीन बच्चों का पेट पालने के लिए घरेलू मुलाज़िमा के तौर पर जिस घर में नौकरी पाती है उसकी मालिकिन उसी की हमनाम और हमशक्ल निकलती है. यहाँ से नौकरानी सालिहा की जिंदगी में शुरू होती है कुछ ऐसी घटनाओं और दुर्घटनाओं की श्रंखला जो एक सालिहा की निजी जीवन की हानि दूसरी सालिहा का लाभ बनती चली जाती है... क्या वे एक ही सिक्के के दो पहलू—एक दूसरे की प्रतिलिपि हैं? पात्रों के जीवन में घालमेल की विस्मित करने वाली यह कहानी सालिहा के जुझारू जीवन और अदम्य साहस की ऐसी गाथा है जिसके पाँव हमारे वर्तमान समाज के ठोस धरातल पर जमे हुए हैं.
Description
सालिहा सालिहा जादुई यथार्थ और रहस्य की धुंध में लिपटी एक ही नाम की दो औरतों की कहानी है जिसमें अनाथालय में पलने वाली सालिहा, अपने वैवाहिक जीवन में निकम्मे पति और तीन बच्चों का पेट पालने के लिए घरेलू मुलाज़िमा के तौर पर जिस घर में नौकरी पाती है उसकी मालिकिन उसी की हमनाम और हमशक्ल निकलती है. यहाँ से नौकरानी सालिहा की जिंदगी में शुरू होती है कुछ ऐसी घटनाओं और दुर्घटनाओं की श्रंखला जो एक सालिहा की निजी जीवन की हानि दूसरी सालिहा का लाभ बनती चली जाती है... क्या वे एक ही सिक्के के दो पहलू—एक दूसरे की प्रतिलिपि हैं? पात्रों के जीवन में घालमेल की विस्मित करने वाली यह कहानी सालिहा के जुझारू जीवन और अदम्य साहस की ऐसी गाथा है जिसके पाँव हमारे वर्तमान समाज के ठोस धरातल पर जमे हुए हैं.
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Additional Information
Book Type |
Paperback
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Publisher |
SURYA PRAKASHAN MANDIR, BIKANER |
Language |
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ISBN |
978-93-92252-54-9 |
Pages |
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Publishing Year |
2023 |