Rs. 199.00 Rs. 159.00
About Book प्रस्तुत किताब 'रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा’ सिलसिले के तहत प्रकाशित उर्दू शाइर सालिम सलीम का ताज़ा काव्य-संग्रह है| यह किताब देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और पाठकों के बीच ख़ूब पसंद की गई है| About Author सालिम सलीम उर्दू ग़ज़ल-गोयों की नई नस्ल के एक निहायत रौशन और... Read More
About Book
प्रस्तुत किताब 'रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा’ सिलसिले के तहत प्रकाशित उर्दू शाइर सालिम सलीम का ताज़ा काव्य-संग्रह है| यह किताब देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और पाठकों के बीच ख़ूब पसंद की गई है|
About Author
सालिम सलीम उर्दू ग़ज़ल-गोयों की नई नस्ल के एक निहायत रौशन और प्रतिभावान दस्तख़त हैं। अस्तित्व और अर्थ की अध-रौशन गहराइयों में उतर कर मोती-मय होने में लगे हुए हैं। 1985 में बिलरियागंज, आ’ज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश) में जन्मे सालिम सलीम ने मुस्लिम युनिवर्सिटी अलीगढ़ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया युनिवर्सिटी, देहली से आ’ला शिक्षा हासिल की और अब दिल्ली विश्वद्यिालय में पी॰एच॰डी॰ के लिए काम कर रहे हैं। ‘रेख़्ता’ से भी संबंधित हैं।