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RASHTRAVAAD KI SACHCHAI AUR JHOOTH

PARTH CHATTERJI TRANS. BY AANAND SWAROOP VERMA

Rs. 499

About the Book:इस पाण्डुलिपि के रचयिता का इरादा कोई ऐसा मिथकीय चरित्र गढ़ना हो जिसके जरिए वह भारतीय राष्ट्रवाद की नयी अवधारणा के सिद्धांतों को सामने लाये।About the Author:पार्थ चटर्जी सेण्टर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़, कोलकाता में लम्बे समय तक प्रोफेसर व निदेशक रहने के बाद अब भी मानद... Read More

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About the Book:
इस पाण्डुलिपि के रचयिता का इरादा कोई ऐसा मिथकीय चरित्र गढ़ना हो जिसके जरिए वह भारतीय राष्ट्रवाद की नयी अवधारणा के सिद्धांतों को सामने लाये।

About the Author:
पार्थ चटर्जी सेण्टर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़, कोलकाता में लम्बे समय तक प्रोफेसर व निदेशक रहने के बाद अब भी मानद प्रोफेसर की हैसियत से संस्थान से जुड़े हैं। साथ ही न्यूयॉर्क के कोलम्बिया विश्वविद्यालय में एन्थ्रोपोलॉजी व मध्यपूर्व, दक्षिण एशिया और अफ्रीका अध्ययन के विभाग से सम्बन्ध हैं।
Description

About the Book:
इस पाण्डुलिपि के रचयिता का इरादा कोई ऐसा मिथकीय चरित्र गढ़ना हो जिसके जरिए वह भारतीय राष्ट्रवाद की नयी अवधारणा के सिद्धांतों को सामने लाये।

About the Author:
पार्थ चटर्जी सेण्टर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़, कोलकाता में लम्बे समय तक प्रोफेसर व निदेशक रहने के बाद अब भी मानद प्रोफेसर की हैसियत से संस्थान से जुड़े हैं। साथ ही न्यूयॉर्क के कोलम्बिया विश्वविद्यालय में एन्थ्रोपोलॉजी व मध्यपूर्व, दक्षिण एशिया और अफ्रीका अध्ययन के विभाग से सम्बन्ध हैं।

Additional Information
Title

Default title

Publisher Setu Prakashan Pvt. Ltd.
Language Hindi
ISBN 9789395160933
Pages 408
Publishing Year 2023

RASHTRAVAAD KI SACHCHAI AUR JHOOTH

About the Book:
इस पाण्डुलिपि के रचयिता का इरादा कोई ऐसा मिथकीय चरित्र गढ़ना हो जिसके जरिए वह भारतीय राष्ट्रवाद की नयी अवधारणा के सिद्धांतों को सामने लाये।

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पार्थ चटर्जी सेण्टर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़, कोलकाता में लम्बे समय तक प्रोफेसर व निदेशक रहने के बाद अब भी मानद प्रोफेसर की हैसियत से संस्थान से जुड़े हैं। साथ ही न्यूयॉर्क के कोलम्बिया विश्वविद्यालय में एन्थ्रोपोलॉजी व मध्यपूर्व, दक्षिण एशिया और अफ्रीका अध्ययन के विभाग से सम्बन्ध हैं।