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'राजभाषा' के रूप में हिन्दी का विकास मात्र भारतीय संविधान के निर्माण के साथ ही प्रारम्भ नहीं हुआ था वरन् उससे बहुत पहले विभिन्न रूपों में हो चुका था। प्रस्तुत पुस्तक में राजभाषा के इतिहास और उसके संवैधानिक विकास के साथ ही उसकी वर्तमान स्थिति को स्पष्ट किया गया है।... Read More
'राजभाषा' के रूप में हिन्दी का विकास मात्र भारतीय संविधान के निर्माण के साथ ही प्रारम्भ नहीं हुआ था वरन् उससे बहुत पहले विभिन्न रूपों में हो चुका था। प्रस्तुत पुस्तक में राजभाषा के इतिहास और उसके संवैधानिक विकास के साथ ही उसकी वर्तमान स्थिति को स्पष्ट किया गया है। भारत सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा इस दिशा में जो विभिन्न प्रयास किये गये हैं, उनका संक्षिप्त विवरण भी इस पुस्तक में है।राजभाषा हिन्दी राजभाषा के रूप में हिन्दी में रुचि रखने वाले जिज्ञासुओं तथा विद्वानों के लिए एक उपयोगी पुस्तक।
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