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राजस्थानी लोक कथाएँलोक-कथाएँ साधारण जनता के उपचेतन और सचेत मन की लहरों के जनप्रिय रूप हैं। कथाओं में संभव असंभव सभी कुछ आ जाता है, परन्तु उद्देश्य उन सब का बिलकुल स्वाभाविक होता है। सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक परिस्थितियों का जो मूर्त रूप लोक-कथाओं में मिलता है वह लिखित इतिहास में कहाँ रक्खा है। जनता के जीवन का जो प्रतिबिम्ब लोक-कथाओं में प्राप्त होता है मैं उसे इतिहास से कम नहीं समझता, कहीं कहीं तो वह इतिहास से भी अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है। रोमाञ्चक वर्णन, करारे व्यंग, जनमन की सर्वांङ्गीण भावनायें लोककथाओं में ही तो देखने को मिलती हैं। Rajasthani Lok Kathayeinsurely राजस्थान का अतीत साहित्य और उसका सांस्कृतिक वैभव अत्यन्त समुज्ज्वल है। जिस मरुरानी ने पानी रखकर रक्त का दान दिया, जहाँ के मानी आन-बान पर मरते आये, जहाँ सतियों की दिव्य ज्योति वातावरण को आलोकित करती रही, जहाँ के निवासियों को पद-पद पर संघर्ष करना पड़ा, उस राजस्थान की भूमि चाहे सस्यश्यामला न रही हो, चाहे वहाँ जल के अनन्त स्त्रोत न फूटे हों, किन्तु इसमें संदेह नहीं, संस्कृति के जितने अगणित स्रोत इस प्रदेश में फूटे, उनकी कोई तुलना नहीं।वैसे तो समूचे लोक-साहित्य की दृष्टि से ही राजस्थान अत्यन्त समृद्ध है किन्तु थोड़े 8216;अर्थवाद8217; का आश्रय लेकर यदि कहें तो कह सकते हैं कि यहाँ की लोक-कथाएँ तो गगन मण्डल में टिम टिमाते हुए तारों की भाँति असंख्य हैं । इस प्रदेश की अन्तरात्मा में अनेक कथा सरित्सागर और सहस्त्र रजनी चारत छिपे हुए हैं।Rajasthani Lok Kathayeinलोककथा या लोकवार्ता (folklore) किसी मानव-समूह की उस साझी अभिव्यक्ति को कहते हैं जो कथाओं, कहावतों, चुटकुलों आदि अनेक रूपों में अभिव्यक्त होता है। also इसके अलावा लोकवार्ता में उस मानव-समूह के लोककलाएँ, लोकवास्तु, लोकगीत, लोक-उत्सव आदि सब कुछ आ जाते हैं।especially सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ निश्चित कथानक रूढ़ियों और शैलियों में ढली लोककथाओं के अनेक संस्करण, उसके नित्य नई प्रवृत्तियों और चरितों से युक्त होकर विकसित होने के प्रमाण है। एक ही कथा विभिन्न संदर्भों और अंचलों में बदलकर अनेक रूप ग्रहण करती हैं।click >> अन्य सम्बन्धित पुस्तकेंclick >> YouTube कहानियाँRajasthani Folk TalesRelatedTRUE
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