Look Inside
Raja Koyal Aur Tandoor
Raja Koyal Aur Tandoor

Raja Koyal Aur Tandoor

Regular price ₹ 90
Sale price ₹ 90 Regular price
Unit price
Save
Tax included.
Size guide

Pay On Delivery Available

Rekhta Certified

7 Day Easy Return Policy

Raja Koyal Aur Tandoor

Raja Koyal Aur Tandoor

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description
राजा, कोयल और तन्दूर - ऐसे विषम समय में जब जीवन समाज में आँखें खोलते ही निर्मम बाज़ारी संस्कृति की संवेदनहीन थपकियों और नपे-तुले आवेगों और संवेगों को ही रिश्तों का पर्याय मानकर उस समीकरण को ही जीने और झेलने के लिए अभिशप्त हो रहा हो, तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है, कि आज सामान्य जन का जीवन संघर्ष केवल रोज़ी-रोटी की उपलब्धता का ही संघर्ष नहीं है, विद्रूपताओं में अनायास बिला गयी जीवन की तरलताओं को भी ढूँढ़ निकालने एवं अपने में पुनः आबद्ध कर जी लेने की भी ललक का संघर्ष है। मांदले का रचना-संसार सिमटा हुआ न होकर, इन्हीं गुँजलकों में झूम-चूम होता, स्वयं को विस्तार देता अपनी गहन रचना-दृष्टि का उत्स अन्वेषित करता है, जो उनकी अभिव्यक्ति की निष्ठा के प्रति हमें आश्वस्त ही नहीं करता, उनकी अप्रतिम सम्भावनाओं को भी रेखांकित करता है।यह महज संयोग ही नहीं, बल्कि सृजन की सजगता है कि मांदले के प्रथम कथा-संग्रह 'राजा, कोयल और तन्दूर' की नौ कहानियों में से पाँच कहानियाँ का इतिवृत्त प्रेम से सम्बन्धित है जो अपनी कई संगतियों और विसंगतियों के साथ अनेक कोणों से उनमें मौजूद है। चाहे वह द्वन्द्व के रूप में हो या मोहभंग के रूप में, आत्मविश्वास के रूप में हो या अहंकार के रूप में, अथवा बन्धन या मुक्ति के रूप में अनेक उत्तरित अनुत्तरित प्रश्नों को अपने में समेटे है।प्रस्तुत संग्रह की 'मृगनयनी' कहानी अनायास भगवती बाबू की 'चित्रलेखा' की याद दिलाती है, जब उसका कथानायक कहता है— प्रेम लोक में आने का वही अधिकारी होता है जिसने अपने प्रियतम के अस्तित्व में अपना अस्तित्व समाहित कर दिया हो।' 'बोध' इस संग्रह की सर्वाधिक परिपक्व रचना है—गहन भावाभिव्यक्ति समेटे। शिल्प कौशल भी इसका कम अद्भुत नहीं बल्कि अचरज होता है कि कविता में कहानी इस तरह भी लिखी जा सकती है। कहानी अपने बाह्यस्वरूप से अधिक अन्तर्गर्भ में घटती है। अपने अनकहे में बहुत कुछ कहती है। कुछ कहानियाँ अवश्य निराश करती हैं, अपनी अपेक्षित रचनात्मक पकाव के अभाव को उजागर करती हुई। विस्मय होता है कि यह उपेक्षा उस लेखक से कैसे हुई जो 'बोध' जैसी कहानी का लेखक है?'राजा, कोयल और तन्दूर लोककथा की तर्ज़ पर लिखी गयी सचमुच बाँध लेनेवाली कहानी है। उसमें नैना साहनी प्रकरण के प्रेम समीकरण की भयावह परिणिति को जिस सुघड़ता से गूँथा गया है वह अद्भुत है। 'मंशाराम' में अन्तर्निहित तीख़े व्यंग्य निश्चय ही पराग कुमार मांदले में एक समर्थ व्यंग्यकार की प्रतीति पैदा कराते हैं। —चित्रा मुद्गल
Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.


Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.


You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Related Products

Recently Viewed Products