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PAHLI AURAT : RANA LIYAQAT BEGAM

RAJGOPAL SINGH VERMA

Rs. 349

About the Book:हमारी स्मृतियों में जो मुस्लिम लीग के कद्दावर नेता और फिर पाकिस्तान के पहले प्रधानमन्त्री बने लियाक़त अली ख़ान कइ हमनवा बन राना बेगम के नाम से जानी गई। राजगोपाल सिंह वर्मा कइ यह किताब उन्हीं के किरदार कइ एक रोचक कहानी है।About the Author:पत्रकारिता तथा इतिहास में... Read More

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About the Book:
हमारी स्मृतियों में जो मुस्लिम लीग के कद्दावर नेता और फिर पाकिस्तान के पहले प्रधानमन्त्री बने लियाक़त अली ख़ान कइ हमनवा बन राना बेगम के नाम से जानी गई। राजगोपाल सिंह वर्मा कइ यह किताब उन्हीं के किरदार कइ एक रोचक कहानी है।

About the Author:
पत्रकारिता तथा इतिहास में स्नातकोत्तर। केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार में विभिन्न मंत्रालयों में प्रकाशन, प्रचार और जनसम्पर्क के क्षेत्र में जिम्मेदार पदों पर कार्य। कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश सरकार की साहित्यिक पत्रिका उत्तर प्रदेश का स्वतन्त्र सम्पादन।
Description

About the Book:
हमारी स्मृतियों में जो मुस्लिम लीग के कद्दावर नेता और फिर पाकिस्तान के पहले प्रधानमन्त्री बने लियाक़त अली ख़ान कइ हमनवा बन राना बेगम के नाम से जानी गई। राजगोपाल सिंह वर्मा कइ यह किताब उन्हीं के किरदार कइ एक रोचक कहानी है।

About the Author:
पत्रकारिता तथा इतिहास में स्नातकोत्तर। केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार में विभिन्न मंत्रालयों में प्रकाशन, प्रचार और जनसम्पर्क के क्षेत्र में जिम्मेदार पदों पर कार्य। कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश सरकार की साहित्यिक पत्रिका उत्तर प्रदेश का स्वतन्त्र सम्पादन।

Additional Information
Title

Default title

Publisher Setu Prakashan Pvt. Ltd.
Language Hindi
ISBN 9788196103439
Pages 272
Publishing Year 2023

PAHLI AURAT : RANA LIYAQAT BEGAM

About the Book:
हमारी स्मृतियों में जो मुस्लिम लीग के कद्दावर नेता और फिर पाकिस्तान के पहले प्रधानमन्त्री बने लियाक़त अली ख़ान कइ हमनवा बन राना बेगम के नाम से जानी गई। राजगोपाल सिंह वर्मा कइ यह किताब उन्हीं के किरदार कइ एक रोचक कहानी है।

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पत्रकारिता तथा इतिहास में स्नातकोत्तर। केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार में विभिन्न मंत्रालयों में प्रकाशन, प्रचार और जनसम्पर्क के क्षेत्र में जिम्मेदार पदों पर कार्य। कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश सरकार की साहित्यिक पत्रिका उत्तर प्रदेश का स्वतन्त्र सम्पादन।