क्रम
1. सम्पादकीय - 13
2. दूर कोई रात भर गाता रहा - 25
3. वफ़ा की लाज रह जाए... - 26
4. ये सितारे ये चाँद ये रातें जवाँ - 27
5. नज़रें मिला के वो हमें - 28
6. झुक के ज़मीं चूम रहा आसमाँ - 29
7. अब दिन डूब गयो राजा पहाड़न में - 30
8. अजीब रंग है - 30
9. ठुकरा के हमें यूँ न जा - 32
10. अब ये बता जाएँ कहाँ - 33
11. मैं भी जवाँ - 34
12. पिया पिया पिया मेरा जिया पुकारे - 34
13. फूल से गालों पे - 35
14. रात रंगीली - 36
15. कहे दिल ये दीवाना - 37
16. तुम न आए घटा ग़म की छाने लगी - 38
17. फूट आपस में पड़ी... - 39
18.दीवाना दिल गाए - 39
19. जाने भी दो छोड़ ये बहाना - 41
20. ;तू न बता - 42
21. मुझपे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई है - 43
27; कितने सितम - 77
28 यहाँ हम वहाँ तुम - 79
29 वो जो चाहने वाले हैं तेरे सनम - 81
30 किया ये क्या तूने इशारा... - 81
31 अरे मेरा बालम - 82
32 तू दिल मेरा लौटा दे - 84
33 चोर लुटेरे डाकू - 86
34 मिलें जो राह में छेड़ें वो मुस्करा के मुझे - 87
35 किसी का नाम जो... - 87
36 ये समाँ फिर कहाँ - 88
37 जान सके तो जान - 89
38 छाया है समाँ.... - 92
39 हो सैंया जा जा जा जा जा - 93
40 हमसे भी आते-जाते - 94
41 यूँ ही बातें न बना तू - 95
42 कुछ तो ऐसी बात कर ज़ालिम - 95
43 मुझको बार-बार याद ना आ - 97
44 पिया मैं हूँ पतंग तू डोर - 98
45 हो मैं रात गुज़ारी - 99
46 मन मोरा बावरा - 100
47 इस दुनिया से निराला हूँ - 100
48 छेड़ दिए मेरे दिल के तार क्यूँ - 101
49 दिल तोड़ने वाले बता के जा - 101
50 मुड़-मुड़ हमको देखता - 102
51 आज मैंने जाना - 103
52 बच बच बच - 104
53 मेरी अँखियों में अँखियाँ... - 104
54 सितारे राह तकते हैं... - 106
55 नशे में हम नशे में तुम - 107
56 कोई इक़रार करे... - 107
57 आओ हम प्यार करें - 109
58 मेरे बाबू रहे किस फेर में - 110
शिकायत
[1948]
दूर कोई रात भर गाता रहा
तेरा मिलना मुझको याद आता रहा
इस तरह कुछ उसने छेड़ा दिल का साज़
देर तक हर तार थर्राता रहा
हुस्न पर तासीर-ए-ग़म होती रही
इक शगुफ़्ता फूल कुम्हलाता रहा
हम भी ज़ब्त-ए-दर्द-ओ-ग़म करते रहे
वो भी अपने दिल को समझाता रहा
हम न आए फिर चमन में लौट कर
मौसम-ए-गुल बार-बार आता रहा
मिस्टर लम्बू
[1956]
कितने सितम
कितने ही ग़म
भूल गए हाय
तुम्हारे लिए हम
कितने सितम...
तुमने बनाया दिल को निशाना
हमने ज़बाँ से कुछ भी कहा ना
तड़पे जो प्यार है
दिल को क़रार है
अपनी क़सम
कितने सितम...
कब से है दिल को चाह तुम्हारी
तुमने न पूछी बात हमारी
इतना गुरूर क्या
दिल का कुसूर क्या
बोलो सनम
कितने सितम...
रामू उस्ताद
[1971]
पिया पिया पिया
मोरा मन प्यासा रे
मोहे गरवा तो लगा जा हो
हो पिया ऐसा भी क्या
ज़ुल्मवा
पिया पिया पिया...
छलके जोबनवा जवाँ
काहे देखे-देखे ना
होंठ रस में ढले नैन मदिरा पिए
सारे अंगों का जादू है तोरे लिए
पिया पिया पिया...
चंचल नज़र की जुबाँ
काहे जाने-जाने ना
हाय इतना ना तरसा कि कहना पड़े
मोहे बाँहों में ले ले तो चैना पड़े
पिया पिया पिया...