Nemat Khana
Regular price
₹ 709
Sale price
₹ 709
Regular price
₹ 749
Unit price
Save 5%
Tax included.
Item Weight | 0.6 |
ISBN | 978-93-94494-62-6 |
Author | Khalid Javed |
Language | Hindi |
Publisher | Rekhta Publications |
Pages | 491 |
Dimensions | 5x7.75 |
About Author | ख़ालिद जावेद 9 मार्च 1963 को उत्तर प्रदेश के शहर बरेली में पैदा हुए। उन्होंने साइंस, फ़लसफ़े और मैनेजमेंट में मास्टर्ज़ की डिग्रियाँ हासिल की हैं। पाँच साल तक बरेली कॉलेज में फ़लसफ़ा पढ़ाया। उनका तअल्लुक़ बदायूँ के एक मशहूर इल्मी-ओ-अदबी ख़ानवादे से है। उर्दू के बुलन्द-पाया फ़िक्शन निगार अबुल फ़ज़ल सिद्दीक़ी, ख़ालिद जावेद के हक़ीक़ी मामूँ थे। ख़ालिद जावेद ने उर्दू में भी एम.ए. किया और फिर उर्दू में ही एम.फ़िल. और पीएच.डी. की डिग्रियाँ हासिल कीं। एक साल तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के शोबा-ए-उर्दू में रिसर्च असिस्टेंट के बतौर काम किया। सन् 2001 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शोबा-ए-उर्दू में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के ओहदे पर उनका तक़र्रुर हुआ। कहानियों के तीन मजमूए ‘बुरे मौसम में’, ‘आख़िरी दावत’ और ‘तफ़रीह की एक दोपहर’ और एक नॉवेल ‘मौत की किताब’ शाए हो चुके हैं। ख़ालिद जावेद ने गैब्रियल गार्सिया मारकेज़ और मिलान कुंडेरा के फ़न और शख़्सियत पर उर्दू में तन्क़ीदी और तहक़ीक़ी नौइयत की किताबें लिखने के अलावा सत्यजीत रे की नुमाइन्दा कहानियों का उर्दू में तर्जुमा भी किया है। तन्क़ीदी मज़ामीन का एक मजमूआ ‘बिदेसी कहानी’, ‘मौत और आख़ि |

Nemat Khana
Regular price
₹ 709
Sale price
₹ 709
Regular price
₹ 749
Unit price
5% off
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
ऐसे बहुत कम, लगभग नहीं के बराबर उपन्यास होते हैं जिन्हें पढ़ते हुए आप अपनी दुनिया के अँधेरों को अपनी चेतना के उजाले में सिहरते हुए महसूस कर पाते हैं। ‘नेमतख़ाना’ अपने पाठकों को उनकी दुनिया और अस्तित्व को देखने की ऐसी नज़र प्रदान करता है जिससे उन्हें वो काली सच्चाइयाँ दिखाई देने लगती हैं जिनके होने की उन्होंने दूर-दूर तक कल्पना भी नहीं की होगी। ये उपन्यास हमें बताता है कि जिस प्रकार के हम खाने खाते हैं, उसका हमारी तर्ज़-ए-ज़िन्दगी और कार्यशैली पर क्या असर पड़ता है। हिन्दुस्तानी अदब में ऐसे उपन्यास कम ही लिखे गए हैं जो खानों, अलग-अलग तरह के पकवानों और उनसे होने वाले बदलाव जो कि इंसान और उसकी अन्दरूनी दुनिया पर असर-अन्दाज़ होते हैं, पर रौशनी डालते हों। उनमें भी ख़ालिद जावेद जैसे उपन्यासकार कम ही होते हैं जो एक महान उपन्यास की तख़लीक़ कर पाते हैं।
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.