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About Book मोहब्बत का पाक जज़्बा इंसान के दिल को बे-लौस और उसकी रूह को पाकीज़ा बनाता आया है। मोहब्बत में पड़ा इंसान इस बुराइयों से भरी दुनिया में अच्छाइयाँ ढूँढना सीख जाता है। उसे हर शख़्स में मासूमियत और दुनिया की चीज़ों में सुंदरता दिखने लगती है। और अगर... Read More
About Book
मोहब्बत का पाक जज़्बा इंसान के दिल को बे-लौस और उसकी रूह को पाकीज़ा बनाता आया है। मोहब्बत में पड़ा इंसान इस बुराइयों से भरी दुनिया में अच्छाइयाँ ढूँढना सीख जाता है। उसे हर शख़्स में मासूमियत और दुनिया की चीज़ों में सुंदरता दिखने लगती है। और अगर वो शख़्स, आशिक़ होने के साथ-साथ एक शाइर भी हो तो उस सुंदरता को अपने हुनर से पन्नों पर उतार देता है। सर्वत हुसैन एक ऐसे ही शाइर हैं जिन्होंने अपनी ग़ज़लों में इस दुनिया का छुपा हुआ हुस्न ज़ाहिर हो आया है। उनकी नज़्में एक भावुक, साफ़ दिल इंसान का ईमानदार बयान हैं। प्रस्तुत किताब “मिट्टी की सुंदरता देखो” एक खिड़की है जिससे पाठक इस दुनिया को सर्वत हुसैन के नज़रिए से देख सकते हैं।
About Author
सर्वत हुसैन 9 नवम्बर 1949 को, विभाजन के बाद, कराची आ बसने वाले एक घराने में पैदा हुए। 1973 में कराची युनिवर्सिटी से एम़ ए़ (उर्दू) कर के, जामिया मिल्लिया कोलेज, कराची में उर्दू के लेक्चरर नियुक्त हुए। बा’द में कई और कालेजों में भी उर्दू लेक्चरर की हैसियत से काम किया। 9 सितम्बर 1994 को देहांत हुआ। उनका पहला कविता-संग्रह ‘आधे सय्यारे पर’ 1987 में लाहौर से प्रकाशित हुआ। दूसरा संग्रह ‘ख़ाकदान’ देहांत के साल भर बा’द और तीसरा ‘एक कटोरा पानी’ 2012 में सामने आया। 2015 में उनका कविता-समग्र कराची से प्रकाशित हुआ।