Description
'मेरे अपने जीवन में पढ़ी हुई पुस्तकों में से राधामोहनजी के। जंगल जीवन पर आधारित उपन्यास 'मिस्टर खरसेल' एक अनन्य तथा अनुपम कृति है। निश्चित रूप से मैं स्वीकार करता हूँ कि हो सकता है यदि इस नव साहित्य सर्जना को उन्मोचन करने का सुअवसर मुझसे छूट जाता तो मन में एक अफ़सोस अवश्य रह जाता। यह पुस्तक न केवल प्राणी प्रीति का कोई विशेष दस्तावेज़ है बल्कि यह आज स्वार्थपरक मनुष्य कैसे वन्यप्राणी और उनके विकास को लूट कर उन्हें विपन्न एवं निश्चिन्ह कर रहा है, इस तथ्य का इस उपन्यास में अति चमत्कारिक ढंग से वर्णन हुआ है। 'वन के राजा कौन?' परिच्छेद में हाथियों का बाघों के साथ आपसी कलह और वाक्युद्ध ख़ूब प्रभावशाली हो पाया है। यह मनुष्य के प्रति एक 'महाविपत्ति को परोक्ष में आमंत्रित करने की बात को भी लेखक ने दर्शाया है। यह पस्तक साहित्य जगत में एक चिरोज्ज्वल चिरभास्वर कति हो सकती है, प्रकति-मोदी और प्राणी प्रेमी। पाठक समाज में इसके प्रचार-प्रसार की मैं कामना करता हूँ। जानकी वल्लभ पटनायक पूर्व राज्यपाल, असम पूर्व मुख्यमन्त्री, ओडिशा पूर्व कुलपति, तिरुपति संस्कृत विश्वविद्यालय, आन्ध्र प्रदेश