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मंटो फ़रिश्ता नहीं, इन्सान है। इसीलिए उसके चरित्र गुनाह करते हैं। दंगे करते हैं। न उसे किसी चरित्र से प्यार है न हमदर्दी। मंटो न पैगंबर है न उपदेशक। उसका जन्म ही कहानी कहने के लिए हुआ था। इसलिए फ़्साद की बेरहम कहानियाँ लिखते हुए भी उस का कलम पर... Read More
मंटो फ़रिश्ता नहीं, इन्सान है। इसीलिए उसके चरित्र गुनाह करते हैं। दंगे करते हैं। न उसे किसी चरित्र से प्यार है न हमदर्दी। मंटो न पैगंबर है न उपदेशक। उसका जन्म ही कहानी कहने के लिए हुआ था। इसलिए फ़्साद की बेरहम कहानियाँ लिखते हुए भी उस का कलम पर पूरी तरह काबू रहता था। मंटो की खूबी यह भी थी की वो चुटकी बजते लिखी जाने वाली कहानियाँ भी आज उर्दू-हिन्दी अफ़साने का एक महत्व्व्पूर्ण हिस्सा बन चुकी है। यह पुस्तक पाठक को मंटो के विभिन्न रंगो से रू-ब-रु करती है।
Color | Black |
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