MERE SAATH AKSAR AISA HOTA HAI | मेरे साथ अक्सर ऐसा होता है (कविता संग्रह)
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    | Item Weight | 150gm | 
| ISBN | 978-93-48290-84-7 | 
| Author | Bhanu Prakash Raghuwanshi | 
| Language | Hindi | 
| Publisher | Vera Prakashan | 
| Pages | 128 | 
| Dimensions | 5.25X8X.35 inch | 
| Publishing year | 2025 | 
| Edition | First | 
| Return Policy | 5 days Return and Exchange | 
  
  
MERE SAATH AKSAR AISA HOTA HAI | मेरे साथ अक्सर ऐसा होता है (कविता संग्रह)
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      कविता सहित सारा सृजन कर्म अन्तत: और मुख्यत: मनुष्य के लिए एक बेहतर दुनिया की तलाश ही है और भानु प्रकाश की ये कविताएँ इसी तलाश की कविताएँ हैं। अपनी सादाबयानी में! जिनका विस्तार अपने पड़ोस से लेकर समूची पृथ्वी तक है। बिना किसी तरह के गैरज़रूरी अमूर्तन में गये! हमारे दु:ख-सुख, प्रेम, परिन्दे, रिश्ते, स्मृति, माँ-पिता, किसान वग़ैरह इसी तलाश के चलते उनकी कविताओं में आये हैं। मुखर ढंग से! और वायवीय नहीं, बल्कि गहरे सामाजिक सन्दर्भों में! ये सन्दर्भ उनके जनसरोकारों का भी पता देते हैं। अपनी भूमिका को लेकर उनमें किसी तरह का असमंजस नहीं है बल्कि का.फी स्पष्टता है। उनकी उन आकस्मिकताओं पर नज़र है जिनसे एक सामान्य व्यक्ति का दैनिक जीवन निरन्तर अशान्त और अस्थिर बना रहता है।
ये कविताएँ जानती हैं कि विवशतावश कुछ लोग केंचुए जैसा जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं फिर भी इन्हें इस बात का भरोसा है कि किसी-न-किसी दिन उनमें सच बोलने का साहस ज़रूर पैदा होगा। ये बिना किसी विस्फोटक दावे के अपने समय के सत्यों को रेखांकित करती हैं। व्यहाँ इनकी मुद्राएँ किसी नायक जैसी न होकर जनसंघर्षों में लगे सामान्य जन की हैं। 
अपने समय के संकटों, विडम्बनाओं और विसंगतियों से ये कविताएँ परिचित हैं। इस समय के सारे गहरे स्याह रंगों से भी! इन्हें यह पता है कि इन चीज़ों के बदलने के लिए वे स्वयं सीधे-सीधे कुछ नहीं कर सकतीं। इसके बावजूद वे एक तरह से सजग और सक्रिय हैं। उन्हें अपने दायित्वों और जवाबदेही का एहसास है। अपनी ज़मीन और इस ज़मीन के लोगों से उनका गहरा जुड़ाव है साथ ही बदले हुए या सायास बदले जा रहे समय की ज़रूरी समझ भी! अपनी ज़मीन और अपना समय इन कविताओं के ये दो सिरे हैं। यहीं वे अपने होने की सार्थकता और शक्ति हासिल करती हैं। साथ ही, अपनी पहचान भी बनाती हैं।
— प्रकाश कान्त  
                                     
                      
                  
                      
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