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About Book प्रस्तुत किताब 'रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा’ सिलसिले के तहत प्रकाशित उर्दू शाइर ज़ुल्फ़िक़ार आदिल का ताज़ा काव्य-संग्रह है| यह किताब देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और पाठकों के बीच ख़ूब पसंद की गई है| About Author ज़ुल्फ़िक़ार आदिल 15 फ़रवरी 1972 को पंजाब के शहर शुज़ाआ’बाद, (मुल्तान) में पैदा... Read More
About Book
प्रस्तुत किताब 'रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा’ सिलसिले के तहत प्रकाशित उर्दू शाइर ज़ुल्फ़िक़ार आदिल का ताज़ा काव्य-संग्रह है| यह किताब देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और पाठकों के बीच ख़ूब पसंद की गई है|
About Author
ज़ुल्फ़िक़ार आदिल 15 फ़रवरी 1972 को पंजाब के शहर शुज़ाआ’बाद, (मुल्तान) में पैदा हुए। पेशे से मेकैनिकल इन्जीनियर हैं। उनका पहला काव्य सग्रह ‘शर्क़ मिरे शुमाल में’ 2015 में प्रकाशित हुआ था। शाइ’री के अ’लावा, उन्होंने स्टेज के लिए ड्रामे लिखे हैं, निर्देशन दिया है और एक्टिंग भी की है। कुछ साल ‘अजूका’ थिएटर से भी संबंध रहा है। उन्होंने टी.वी. ड्रामों के लिए गीत भी लिखे हैं। कथाकार के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित करने वाले ज़ुल्फ़िक़ार आ’दिल इन दिनों अपना पहला उपन्यास मुकम्मल करने में मस्रूफ़ हैं।
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प्रस्तुत किताब 'रेख़्ता हर्फ़-ए-ताज़ा’ सिलसिले के तहत प्रकाशित उर्दू शाइर ज़ुल्फ़िक़ार आदिल का ताज़ा काव्य-संग्रह है| यह किताब देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और पाठकों के बीच ख़ूब पसंद की गई है|
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ज़ुल्फ़िक़ार आदिल 15 फ़रवरी 1972 को पंजाब के शहर शुज़ाआ’बाद, (मुल्तान) में पैदा हुए। पेशे से मेकैनिकल इन्जीनियर हैं। उनका पहला काव्य सग्रह ‘शर्क़ मिरे शुमाल में’ 2015 में प्रकाशित हुआ था। शाइ’री के अ’लावा, उन्होंने स्टेज के लिए ड्रामे लिखे हैं, निर्देशन दिया है और एक्टिंग भी की है। कुछ साल ‘अजूका’ थिएटर से भी संबंध रहा है। उन्होंने टी.वी. ड्रामों के लिए गीत भी लिखे हैं। कथाकार के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित करने वाले ज़ुल्फ़िक़ार आ’दिल इन दिनों अपना पहला उपन्यास मुकम्मल करने में मस्रूफ़ हैं।