Lok Rang
Author | Dr. Lavkush Dwivedi |
Language | Hindi |
Publisher | Vani Prakashan |
Pages | 154 |
ISBN | 9789352296262 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.0 kg |
Edition | 1st |
Lok Rang
लोक रंग-उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति अत्यन्त समृद्ध है जिसे सहेजना और उसे भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत करना वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौती है। आज घर के आँगन से माँ की लोरियाँ गायब हो गयी हैं और मन को बहलाने-फुसलाने के लिए उपलब्ध आधुनिक उपक्रमों ने एक ऐसा संसार रच दिया है जिसमें आत्मीय संवेदना के तार झंकृत होने तो दूर, उनकी सुवासित भीनी महक तक भी ग़ायब हो गयी है। पहले के गाँवों में होली, दिवाली तथा अन्य तीज-त्योहारों पर हम जिस सामूहिकता का बोध कराते हुए एक-दूसरे से गले लगकर मिलते और अपनी संवेदनाएँ आपस में साझा करते थे वह सब धीरे-धीरे स्वप्न में परिणत होकर व्यावसायिकता के अन्धड़ में उड़ चला है और हम अपनी लोक परम्पराओं से दूर होते चले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश का विशाल कैनवास लोक के विभिन्न रंगों से इस कदर सराबोर है कि उसकी लालिमा, हरीतिमा और उल्लास का वर्णन एक स्थान पर होना अत्यन्त आवश्यक है। बलिया से सहारनपुर, गौतम बुद्ध नगर से गोरखपुर-देवरिया तथा लखीमपुर से चित्रकूट- सोनभद्र तक के इस विस्तृत भू-भाग में शताधिक लोक परम्पराएँ सतत प्रवहमान हैं जिसमें यहाँ का लोकमन आचमन, अवगाहन एवं प्रच्छालन तक की क्रिया तक ही सीमित रह गया है क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में हम इनकी अन्तर्वेदना से जुड़ ही नहीं पा रहे हैं । इसीलिए इनके प्रति समर्पण का वास्तविक भावबोध भी अदृश्य हो चला है। आज आवश्यकता है- इन कलारूपों के संरक्षण, संवर्धन और प्रस्तुतीकरण की, जिससे कि हमारी यह अमूल्य धरोहर निरन्तर ऊर्जा का संचार कर सके। यह आज का युगबोध और लोकधर्म भी है। लोक की इसी पीड़ा को समझकर विद्वान लेखक ने 'लोक रंग : उत्तर प्रदेश के लोकगीत एवं नृत्य' नामक इस प्रणयन को आप सुधी जिज्ञासुओं के समक्ष प्रस्तुत करने का साहस किया है।
Shipping cost is based on weight. Just add products to your cart and use the Shipping Calculator to see the shipping price.
We want you to be 100% satisfied with your purchase. Items can be returned or exchanged within 7 days of delivery.
10% off your first order.
Use Code: FIRSTORDER