Maithili 'लालटेनगंज' उपन्यासक लेखक सच्चिदानंद सच्चू दृष्टिवान पत्रकार छथि आ 'अल्लाह हो राम' हिनक पहिल उपन्यास। मैथिली उपन्यास 'लालटेनगंज' धनबाद-झरिया इलाकाक कोलियरी जीवनक कारी-स्याह साँच सँ आत्मसाक्षात्कार करबैत अछि। मैथिली उपन्यास परंपरा मे ई उपन्यास विषयक नवीनता आ ट्रीटमेंटक नवता लेल स्मरण कयल जायत। दू जून रोटीक लेल प्रतिक्षण अपन जिंदगी केँ दाव पर लगबै लेल विवश खदान मजूरक जिंदगीक संघर्षगाथा सोचबाक हेतु आमंत्रित करैत अछि। एहि खदान मे मृत्यु मड़ुआक दोबर भावे सहज, मुदा जीवन अत्यंत कठिनतम। #कमलानंदझा कसल कथानक, सहज कथा-प्रवाह, मजदूरक कहानी ओकरे जुबानी, अनेक गौण पात्र समग्रता मे एकर औपन्यासिक वितान केँ तनने छै। उपन्यास पढ़ैत सहजहि उन्नैसम शताब्दी मे फ्रेंच उपन्यासकार एमील जोलाक कोयला श्रमिकक समस्या पर लिखल उपन्यास 'जर्मिनल' मोन पडि़ गेल। #मीनाझा सच कही त' ई उपन्यास अपन कंस्ट्रक्ट आ संरचना मे बहुत लाजवाब अछि। कथा-भूमि बिल्कुल गर्म छै, आ ताहि पर प्रेम आ मित्रता सन मूल्यक पड़ैत फुहार एक टा अलग तरहक लोभ जगाबैत अछि... #अकबररिज्बी