Kisse cycle ke
Author | Siraj saxsena |
Language | Hindi |
Publisher | Setu Prakashan |
Pages | 256 |
ISBN | 978-93-91277-00-0 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.254 kg |
Dimensions | 129 x 198 mm |
Edition | 1st |
Kisse cycle ke
About Book
क़िस्से साइकिल के एक संवाद शृंखला है जिसमें देश भर के प्रसिद्ध साइकिल प्रेमियों और उन सवारों के अनुभव दर्ज हैं जो आज साइकिल और उसकी परंपरा को जीवित रखने उसे बचाने के लिए प्रयासरत हैं। इस लिहाज से यह पुस्तक एक हस्तक्षेप है हवा के पंखों पर सवार भागती विश्व परिधि में उन विलक्षण वैयक्तित्वों का जो कुछ अलग कुछ भिन्न करने में और कुछ बचाने में लगे हैं। यह सामयिक हस्तक्षेप केवल परंपरा को बचाने का प्रयास नहीं, भौतिकता और बजारवाद के मध्य आज की विकट आवश्यकता है। यह पुस्तक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में दर्ज होने योग्य है। इन संवादों में जानकारियों का खजाना है और साथ ही आनन्द है बतरस का। क़िस्सों और बतरस से निर्मित इस पुस्तक में अद्भुत पठनीयता है। यह पुस्तक स्मृति और वर्तमान की आकांक्षा का बेजोड़ संयोग है। सभी की स्मृतियों से इतिहास चुग़ल-ख़ोरी है, इस तीव्र गतिक जीवन की। देशभर के साइकिल प्रेमी अपने क्षेत्र में विशिष्ट हैं। इन संवादों में उनके विविध क्षेत्रों के अनुभवों का विवरण इस किताब को और उपयोगी बनाता है। हमारा विश्वास है कि यह अनोखी किताब आगे सामान्यजन और अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समान रूप से रुचिकर होगी। इसके माध्यम से हम बनते इतिहास की जीवन्तधारा के सहभागी होंगे।
About Author
कलाकार, गद्यकार, साइक्लिस्ट, कवि।
जन्म : 30 जनवरी 1974, 'महू (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : शासकीय बाल विनय मन्दिर, इन्दौर और शासकीय ललित कला संस्थान, इन्दौर से।
चित्र, सिरेमिक, काष्ठ, टेक्सटाइल, धातु, छापा-कला आदि कला माध्यमों में गत 23 वर्षों से सक्रिय और देश-विदेश में अब तक 27 एकल और 150 से अधिक सामूहिक कला-प्रदर्शनियाँ आयोजित। विश्व के अनेक महत्त्वपूर्ण निजी कला-संग्रहों और कला-संग्रहालयों में चित्र एवं सिरेमिक संस्थापन संग्रहित । वाना वेलनेस रिट्रीट देहरादून, राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय नयी दिल्ली, विदेश मन्त्रालय भारत और ऑल इण्डिया रेडियो दिल्ली, प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इण्डिया, दिल्ली के अलावा मार्क रोथको कला केन्द्र लातविया, इंग सिरेमिक कला संग्रहालय ताईवान, ओरेंस्को कला-केन्द्र पोलैण्ड, चाँगचुंग शिल्प कला-केन्द्र चीन, ओत्तो निमेयार होस्ताइन "संग्रहालय जर्मनी, क्राबी कला संग्रहालय थाईलैण्ड आदि कला केन्द्रों में बतौर अतिथि आमन्त्रित। 'आकाश एक ताल है' नामक लेख-संग्रह, कवि-सम्पादक पीयूष दईया के साथ पुस्तकाकार संवाद 'सिमिट सिमिट जल' और कवि-कलालोचक राकेश श्रीमाल के साथ संवाद 'मिट्टी की तरह मिट्टी' व 'कला की जगहें' नामक यात्रा-वृत्त, ’क़िस्से साइकिल के’ प्रकाशित।
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