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KISANIN JAGGI DEVI : SWATANTRATA KI RAAH PAR

DEEPTI PRIYA MEHROTRA

Rs. 175

About the Book:किसानिन जग्गी देवी स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वाली जुझारू महिला थीं, जिनकी अनोखी जीवनी इस पुस्तक द्वारा प्रस्तुत है। उनसे लम्बे साक्षात्कार, यात्राएँ व दस्तावेजों के आधार पर लेखिका ने जग्गी देवी के अनुभव व उनका गहन एतिहासिक महत्त्व हमारे समक्ष रखा है।About the Author:दीप्ति प्रिया महरोत्रा... Read More

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About the Book:
किसानिन जग्गी देवी स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वाली जुझारू महिला थीं, जिनकी अनोखी जीवनी इस पुस्तक द्वारा प्रस्तुत है। उनसे लम्बे साक्षात्कार, यात्राएँ व दस्तावेजों के आधार पर लेखिका ने जग्गी देवी के अनुभव व उनका गहन एतिहासिक महत्त्व हमारे समक्ष रखा है।

About the Author:
दीप्ति प्रिया महरोत्रा राजनीति-शास्त्र में पी.एच.डी. और दर्शन-शास्त्र में पोस्ट-डॉक्टरल शोध कर चुकी है। वे अनेक जनान्दोलनो, संगठनों और संस्थाओं से जुड़ी हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय और दयालबाग विश्वविद्यालय, आगरा में अध्यापक रहीं हैं। तीनमूर्ति फ़ेलोशिप के तहत उन्होंने जनान्दोलनो पर शोध किया।
Description

About the Book:
किसानिन जग्गी देवी स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वाली जुझारू महिला थीं, जिनकी अनोखी जीवनी इस पुस्तक द्वारा प्रस्तुत है। उनसे लम्बे साक्षात्कार, यात्राएँ व दस्तावेजों के आधार पर लेखिका ने जग्गी देवी के अनुभव व उनका गहन एतिहासिक महत्त्व हमारे समक्ष रखा है।

About the Author:
दीप्ति प्रिया महरोत्रा राजनीति-शास्त्र में पी.एच.डी. और दर्शन-शास्त्र में पोस्ट-डॉक्टरल शोध कर चुकी है। वे अनेक जनान्दोलनो, संगठनों और संस्थाओं से जुड़ी हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय और दयालबाग विश्वविद्यालय, आगरा में अध्यापक रहीं हैं। तीनमूर्ति फ़ेलोशिप के तहत उन्होंने जनान्दोलनो पर शोध किया।

Additional Information
Title

Default title

Publisher Setu Prakashan Pvt. Ltd.
Language Hindi
ISBN 9788196103491
Pages 104
Publishing Year 2023

KISANIN JAGGI DEVI : SWATANTRATA KI RAAH PAR

About the Book:
किसानिन जग्गी देवी स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने वाली जुझारू महिला थीं, जिनकी अनोखी जीवनी इस पुस्तक द्वारा प्रस्तुत है। उनसे लम्बे साक्षात्कार, यात्राएँ व दस्तावेजों के आधार पर लेखिका ने जग्गी देवी के अनुभव व उनका गहन एतिहासिक महत्त्व हमारे समक्ष रखा है।

About the Author:
दीप्ति प्रिया महरोत्रा राजनीति-शास्त्र में पी.एच.डी. और दर्शन-शास्त्र में पोस्ट-डॉक्टरल शोध कर चुकी है। वे अनेक जनान्दोलनो, संगठनों और संस्थाओं से जुड़ी हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय और दयालबाग विश्वविद्यालय, आगरा में अध्यापक रहीं हैं। तीनमूर्ति फ़ेलोशिप के तहत उन्होंने जनान्दोलनो पर शोध किया।