इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में बà¥à¤‚देली संसà¥à¤•ृति पर आधारित लोकगीतों के अलावा मानव जीवन को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करने वाली तथा आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• कविताओं और लघॠकहानियों का संगà¥à¤°à¤¹ किया गया है I लेखक ने पाठकों के आतà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µ से संवाद सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने और उसे पोषित करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया है समकà¥à¤· को द