Kavita ka ghantv
Author | Jitendra shrivastava |
Language | Hindi |
Publisher | Setu Prakashan |
Pages | 303 |
ISBN | 978-93-89830-91-0 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.387 kg |
Dimensions | 129 x 198 mm |
Edition | 1st |
Kavita ka ghantv
About Book
पिछले लगभग ढाई दशकों में जिन आलोचकों की आलोचना ने हिंदी को समृद्ध किया है, उनमें प्रतिष्ठित कवि-आलोचक जितेन्द्र श्रीवास्तव अग्रणी हैं। तमाम तरह के गठजोड़ों का प्रत्याख्यान करते हुए उन्होंने सर्वथा नवोन्मेषी आलोचना लिखी है। यही कारण है कि साहित्य प्रेमी और गंभीर अध्येता-दोनों ही जितेन्द्र के लिखे को ढूँढ कर पढ़ते हैं। कहने की आवश्यकता नहीं कि उनकी आलोचना मूल्यवान श्रेणी की आलोचना है। उसमें पक्ष और पक्षधरता है लेकिन कोई पूर्वाग्रह नहीं है। यह मुक्त मन और विवेक की आलोचना है।
जितेन्द्र श्रीवास्तव की यह पुस्तक हिंदी कविता को नये ढंग से समझने की ज़मीन तैयार करती है। वोझिल शब्दावलियों से परे यहाँ आलोचना की भाषा भी कविता की भाषा की तरह तरल, पारदर्शी और तर्कशील है। एक ऐसी भाषा जिसे पाकर पाठक के मन में बौद्धिकता और सहृदयता का अद्भुत रसायन जन्म लेता है।
जितेन्द्र श्रीवास्तव की यह पुस्तक हिंदी काव्यालोचना में पसरे निराशा के वातावरण को न सिर्फ दूर करती है बल्कि यह भरोसा भी पैदा करती है कि अभी बहुत कुछ बचा हुआ है। हिंदी की काव्यालोचना चुपचाप बैठी हुई नहीं है। वह कविता के साथ आत्मीय गलबहियाँ कर रही है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि 'कविता का घनत्व' नामक यह पुस्तक हिंदी कविता की समकालीन आलोचना में मील का पत्थर साबित होने जा रही है।
About Author
जितेन्द्र श्रीवास्तव
उ.प्र. के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के गाँव सिलहटा में जन्म । बी.ए. तक की पढ़ाई गाँव और गोरखपुर में की। तत्पश्चात जे.एन.यू., नयी दिल्ली से हिंदी साहित्य में एम.ए., एम.फिल. और पी-एच.डी.।
हिंदी और भोजपुरी में लेखन-प्रकाशन। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण, कवि ने कहा, बेटियाँ, उजास (कविता संग्रह), भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नये विमर्श और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि, रचना का जीवद्रव्य, कहानी का क्षितिज, कविता का घनत्व (आलोचना), शोर के विरुद्ध सृजन (ममता कालिया का रचना संसार), प्रेमचंद : स्त्री जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : दलित जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद: स्त्री और दलित विषयक विचार, प्रेमचंद : हिंदू-मुस्लिम एकता संबंधी कहानियाँ और विचार, प्रेमचंद : किसान जीवन की कहानियाँ, प्रेमचंद : स्वाधीनता आंदोलन की कहानियाँ, कहानियाँ रिश्तों की (परिवार), प्रेमचंद कहानी समग्र (संपादन) इनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं। कई कविताओं का अंग्रेजी, मराठी, उर्द, उड़िया और पंजाबी में अनुवाद। साहित्यिक पत्रिका उम्मीद' का संपादन।
अब तक भारत भूषण अग्रवाल सम्मान', 'देवीशंकर अवस्थी सम्मान', 'कृति सम्मान', उ.प्र. हिंदी संस्थान का 'रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार' व 'विजयदेव नारायण साही पुरस्कार', भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता का युवा पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान और परंपरा ऋतुराज सम्मान ग्रहण कर चुके हैं।
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.