Kachhwahon ka Itihas
Regular price
₹ 300
Sale price
₹ 300
Regular price
Unit price
Save
Tax included.
Author | Devi Singh Mandawa |
Language | Hindi |
Publisher | Rajasthani Granthaghar |
Pages | NA |
ISBN | NA- |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.4 kg |
Kachhwahon ka Itihas
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
कच्छवाहों का इतिहास : भारत के इतिहास में राजपूत (क्षत्रिय) इतिहास का विशेष महत्व है। कछवाहा वंश क्षत्रियों के 36 कुलों में से एक है। वीरता के लिए तो राजपूत प्रसिद्ध रहे ही है परन्तु वीरता के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी कछवाहों की बड़ी देन है। इनके द्वारा निर्मित शिल्पकला के सुन्दर नमूने ग्वालियर के किले में सासदृबहू का मंदिर, दौसा, आमेर, जयपुर जहाँ का हवा महल तो विश्वप्रसिद्ध है ही, अलवर व कछवाहा इलाकों में अनेक महल मन्दिर आदि हैं। इनकी शिल्पकला के क्षेत्र में बड़ी देन है। इसी प्रकार साहित्य, धर्म, चित्रकला, संगीतकला आदि ललित कलाओं को भी इनके द्वारा ��ड़ा प्रोत्साहन मिला था। मूर्तियों के लिए जयपुर पूरे भारत का सबसे बड़ा केन्द्र रहा है। कछवाहों में अनेक व्यक्ति कवियों के आश्रयदाता रहे तथा वे खुद भी बड़े कवि हुए हैं। आमेर और जयपुर दरबार में बिहारी, पत्तकर जैसे कवि रहे है। बीरबल पहले राजा भगवादासजी की सेवा में था। बाद में इन्होंने उसे बादशाह को पेश किया था। कु. जगतसिंहजी के गोस्वामी तुलसीदासजी गुरु रहे थे। महाराजा सवाई जयसिंहजी द्वितीय ने मुगल काल में अश्वमेघ यज्ञ किया था। कछवाह बड़े राजनीतिज्ञ हुए हैं।RelatedTRUE
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.