काठ का सपना - मुक्तिबोध के जीवन के अन्तिम समय तक उनके द्वारा लिखी गयी कुछेक श्रेष्ठ कहानियों का संग्रह है 'काठ का सपना'। अभिव्यक्ति के माध्यम के नाते जहाँ कविता हारी वहाँ मुक्तिबोध ने डायरी विधा पकड़ी और जब यह पूरी न पड़ी तब कहानी को अपनाया।मुक्तिबोध का सारा साहित्य वस्तुतः एक अभिशप्त जीवन जीनेवाले अत्यन्त संवेदनशील सामाजिक व्यक्ति का चिन्तन-विवेचन है; और यह भी कहीं निराले में या किसी अन्य के साथ बैठकर नहीं, अपने पीड़ा-संघर्षों-भरे परिवेश में रहते और अपने से ऊपर उठकर स्वयं अपने से जूझते हुए किया गया है। उनकी ये कहानियाँ इसी बात को रेखांकित करती हैं।