Hamare Atalji
Author | Prabhat Jha |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9350484029 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.414 kg |
Edition | 1st |
Hamare Atalji
पिछले सात दशक की राजनीति में भारत में एक व्यक्तित्व उभरा और देश ने उसे सहज स्वीकार किया। जिस तरह इतिहास घटता है, रचा नहीं जाता; उसी तरह नेता प्रकृति प्रदत्त प्रसाद होता है, वह बनाया नहीं जाता बल्कि पैदा होता है। प्रकृति की ऐसी ही एक रचना का नाम है पं. अटल बिहारी वाजपेयी। अटलजी के जीवन पर, विचार पर, कार्यपद्धति पर, विपक्ष के नेता के रूप में, भारत के जननेता के रूप में, विदेश नीति पर, संसदीय जीवन पर, उनकी वक्तृत्व कला पर, उनके कवित्व रूपी व्यक्तित्व पर, उनके रसभरे जीवन पर, उनकी वासंती भाव-भंगिमा पर, जनमानस के मानस पर अमिट छाप, उनके कर्तृत्व पर एक नहीं अनेक लोग शोध कर रहे हैं।इस पुस्तक में अटलजी की मस्ती हमारी और आपकी सुस्ती को सहज भगा देगी। इन अनछुए पहलू में प्रेरणा, प्रयोग, प्रकाश, परिणाम, परिश्रम, परमानंद, प्रमोद, प्रकल्प, प्रकृति, प्रश्न, प्रवास और साथ ही साथ जीवन कैसे जिया जाता है, कितने प्रकार से जीया जाता है? आनंद को भी आनंद से आनंदित करने के लिए कितने प्रकार के आनंद की आवश्यकता होती है, इस संस्मरणों में उसका भी आनंद लिया जा सकता है।_____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमणिकासंपादकीय — Pgs. 51. भारत के उज्ज्वल भविष्य की झलक — प्रो. राजेंद्र सिंह 'रज्जू भैया' — Pgs. 112. बौनों के बीच एक विशाल व्यक्तित्व — लालकृष्ण आडवाणी — Pgs. 133. उनके नेतृत्व में होगा गौरवशाली युगोदय — डॉ. भाई महावीर — Pgs. 164. अटल चुनौती अखिल विश्व को — माणिकचंद्र वाजपेयी — Pgs. 195. इस प्रकार बने पत्रकार से राजनीतिज्ञ — नानाजी देशमुख — Pgs. 226. वाजपेयी बने राष्ट्रीय अभिनंदन के पात्र — डॉ. महेश — Pgs. 247. विद्वत्ता और देशप्रेम के दर्शन होते हैं उनके भाषण में — जॉर्ज फर्नांडीज — Pgs. 288. सदा दीवाली संत की — सुंदरलाल पटवा — Pgs. 299. शहीद मुजामिल हक और अटलजी — श्रीकांत जोशी — Pgs. 3110. वे बड़े मन के बड़े आदमी — सुमित्रा महाजन — Pgs. 3811. जब अटलजी 'स्वदेश' के संपादक थे — वचनेश त्रिपाठी — Pgs. 4012. वज्रादपि कठोराणि मृदूनि कुसुमादपि — जे.आर. पावगी — Pgs. 4713. विश्वमान्य राजनेता अटलजी — कैलाश जोशी — Pgs. 5014. रात के बारह बजे संगीत की फरमाइश — सुधीर फड़के — Pgs. 5515. मैं तो अपनी संख्या बढ़ा रहा हूँ — त्रियुगीनारायण शुक्ल — Pgs. 5716. जब मैंने उन्हें 'यस प्राइम मिनिस्टर' उपहार में दी — ना.मा. घटाटे — Pgs. 5817. हू आफ्टर अटल? — डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन — Pgs. 6418. उनसे मिलने पर थम सा जाता है कालचक्र — प्रो. रामकुमार चतुर्वेदी 'चंचल' — Pgs. 6719. उनके गण लेने पर प्रसन्न हो जाते थे स्वयंसेवक — लक्ष्मण श्रीकृष्णराव भिड़े — Pgs. 7320. एक अजातशत्रु — उत्तम चंद इसराणी — Pgs. 8121. वह वाणी, वह मौन! — यशवंत इंदापुरकर — Pgs. 8322. न दैन्यं न पलायनम् — शैवाल सत्यार्थी — Pgs. 8523. राजनीति के शिखर पुरुष — भगवतीधर वाजपेयी — Pgs. 9024. जब भीड़ ने आल्हा छोड़ विद्रोह किया — शिवकुमार गोयल — Pgs. 9225. मुंबई के अटल और अटलजी की मुंबई — मुजफ्फर हुसैन — Pgs. 9726. हमारे गटनायक थे अटलजी — मधुकर शिंखेड़कर — Pgs. 10427. तीन पीढि़यों के आदर्श — विक्रम वर्मा — Pgs. 10528. जिसका कद सबसे ऊँचा — यशवंत सिन्हा — Pgs. 10729. यह देश का सौभाग्य — सुरेश पी. प्रभु — Pgs. 10830. छात्रों ने उन्हें 'लैंप' भेंट किया — डॉ. शंकर पुणतांबेकर — Pgs. 10931. अटलजी ने निमंत्रण स्वीकारा — लक्ष्मीनारायण मालपानी — Pgs. 11332. बटेश्वर का 'अटला' लोकतंत्र का महानायक — लोकेंद्र पाराशर — Pgs. 11433. अखबार निकालना टेढ़ी खीर — जयकिशन शर्मा — Pgs. 11834. केशवकुल कमल — नरसिंह जोशी — Pgs. 12135. किसी और दल के पास नहीं ऐसा नेता — डॉ. गौरीनाथ रस्तोगी — Pgs. 12536. कहिए सुकुलजी महाराज! — Pgs. — श्रीनिवास शुक्ल — Pgs. 12837. अपने अटलजी — रामलाल दीक्षित — Pgs. 13138. अटल और प्रचार माध्यम — भालचंद्र (बाबा) खानवलकर — Pgs. 13439. बस एक ही शब्द! — विवेक शेजवलकर — Pgs. 13640. ऐसी है उनकी सादगी : श्रीकृष्ण सरल — डॉ. उपेंद्र विश्वास — Pgs. 13841. साक्षात्कार अटलजी के संघ गुरु से — प्रशांत इंदुरकर — Pgs. 13942. स्वयंसेवक प्रधानमंत्री — वि.ना. देवधर — Pgs. 14443. मुझे राष्ट्र के लिए कुछ जिम्मेदारियाँ पूरी करनी हैं — आलोक तोमर — Pgs. 14844. मेरे भाषणों म��ं मेरा लेखक ही बोलता है — डॉ. चंद्रिका प्रसाद शर्मा — Pgs. 15345. उनके गुणों से राजनीति में सौहार्द बढ़ा दिग्विजय सिंह — रामभुवन सिंह कुशवाह — Pgs. 15746. विश्व पटल पर उभरे बेमिसाल सितारे — यशोधरा राजे सिंधिया — Pgs. 16047. वर्तमान के राजा दिलीप हैं अटलजी — पं. रमेश उपाध्याय — Pgs. 16248. उनके सीने में उनका शाइर दोस्त बैठा है — डॉ. अली सरदार जाफरी — Pgs. 16549. अटल कवि 'अटल' — शांतिस्वरूप चाचा — Pgs. 16850. यहीं से हाँ, यहीं से जिंदगी आरंभ होती है — डॉ. पूनमचंद्र तिवारी — Pgs. 17051. एक पाठक की दृष्टि में कविवर अटल — डॉ. ओमप्रकाश आर्य — Pgs. 17352. कोई कवि अटलायन लिखे — दिनेश भारद्वाज — Pgs. 17753. कविता-राजनीति के बीच बँटा एक श्रेष्ठ कवि — सुरेंद्र मिश्रा — Pgs. 18254. अटलजी जैसा मैंने देखा-सुना — जगदीश तोमर — Pgs. 18555. एक चुनाव ऐसा भी — गोपाल गणेश टेंबे — Pgs. 18856. पालने में दिखाई दे गए थे पूत के पाँव — नरेश जौहरी — Pgs. 19257. पत्रकार स्वतंत्र हैं — बनवारी बजाज — Pgs. 19458. छोेटे-बड़े सभी के साथ आत्मीय — भाऊसाहेब पोतनीस — Pgs. 19559. अटल का सम्मोहन भारतीय राजनीति का शिखर — Pgs. — भरतचंद्र नायक — Pgs. 19760. विश्व पटल पर 'अटल' हस्ताक्षर — डॉ. दिलीप मिश्र — Pgs. 20061. मंगल भवन अमंगल हारी — शीतला सहाय — Pgs. 20362. शिक्षा, संस्कार देता कृष्ण बिहारी वाजपेयी न्यास — प्रवीण दुबे — Pgs. 20663. बहनों के दुलारे भाई अटल — प्रवीण दुबे — Pgs. 21064. कक्की के उलाहने सुनने में मजा आता था उन्हें — डॉ. सुमन मिश्रा — Pgs. 21565. मानवीय गुणों ने उन्हें ख्याति दी — डॉ. विनोद कुमारी दीक्षित — Pgs. 21666. होली पर ठंडाई और दिवाली पर मिठाई के शौकीन हैं देवरजी — प्रवीण दुबे — Pgs. 21867. क्या फर्क पड़ता है—मैं अटलजी को जानता हूँ — रामभुवन सिंह कुशवाह — Pgs. 22168. कूटनीति के शीर्ष विशेषज्ञ अटलजी — डॉ. नीलेंद्र तोमर — Pgs. 22469. गुरुजी के पाँच पांडवों में से एक — राजेंद्र तिवारी — Pgs. 22670. यदि नेता नहीं अभिनेता होते तो. — कमल वशिष्ठ — Pgs. 22871. मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूँ — आजाद रामपुरी — Pgs. 23072. शुरू से रहे अन्याय, अनैतिकता के खिलाफ — लक्ष्मीनारायण अग्रवाल — Pgs. 23273. राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा — पं. बालकृष्ण भारद्वाज — Pgs. 23574. सरल एवं सहज स्वभाव के धनी हैं अटलजी — डॉ. सतीश बत्रा — Pgs. 23775. ऐसी है उनकी विनोदप्रियता — प्रभुदयाल गुप्ता — Pgs. 23876. कैसे हो गए आज हम देशद्रोही? — पु.के. चितले — Pgs. 240
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.