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Abount the Book:
बीसवीं सदी के बेहद लोकप्रिय शायर कृष्ण बिहारी 'नूर' की ये किताब उनकी ग़ज़लों, गीतों, नज़्मों और अशआर का संकलन है। 'नूर' की ये किताब एहसास, जमाल, गुदाज़ और इख़्लास की शायरी से भरपूर है। इस किताब में अक्सर ऐसी लतीफ़ कैफ़ियतों को ज़बान दी गई है जो आसानी से लफ़्ज़-ओ-बयान की गिरफ़्त में आती हैं। इस संकलन में बहुत से आईने बोलते नज़र आते हैं, बोलते सुनाई देते हैं, और बोलते महसूस होते हैं।
Abount the Author:
फ़ज़ल नक़वी के शागिर्द और उर्दू, हिन्दी दोनों ज़बानों के माहिर नूर साहब साहित्यिक हल्क़ों में अपनी ग़ज़ल के लिए ख़ासे मशहूर थे। उनका जन्म 8 नवम्बर, 1926 को ग़ौस नगर, लखनऊ में हुआ। उनकी शायरी की पाँच किताबें शाए हुईं, जिनमें 'दुख-सुख', 'तपस्या', 'समुन्दर मेरी तलाश में', 'हुसैनियत की छाँव में' और 'तजल्ली-ए-नूर' शामिल हैं। 30 मई, 2003 को उन्होंने ग़ाज़ियाबाद में आख़िरी साँस ली।
Description
Abount the Book:
बीसवीं सदी के बेहद लोकप्रिय शायर कृष्ण बिहारी 'नूर' की ये किताब उनकी ग़ज़लों, गीतों, नज़्मों और अशआर का संकलन है। 'नूर' की ये किताब एहसास, जमाल, गुदाज़ और इख़्लास की शायरी से भरपूर है। इस किताब में अक्सर ऐसी लतीफ़ कैफ़ियतों को ज़बान दी गई है जो आसानी से लफ़्ज़-ओ-बयान की गिरफ़्त में आती हैं। इस संकलन में बहुत से आईने बोलते नज़र आते हैं, बोलते सुनाई देते हैं, और बोलते महसूस होते हैं।
Abount the Author:
फ़ज़ल नक़वी के शागिर्द और उर्दू, हिन्दी दोनों ज़बानों के माहिर नूर साहब साहित्यिक हल्क़ों में अपनी ग़ज़ल के लिए ख़ासे मशहूर थे। उनका जन्म 8 नवम्बर, 1926 को ग़ौस नगर, लखनऊ में हुआ। उनकी शायरी की पाँच किताबें शाए हुईं, जिनमें 'दुख-सुख', 'तपस्या', 'समुन्दर मेरी तलाश में', 'हुसैनियत की छाँव में' और 'तजल्ली-ए-नूर' शामिल हैं। 30 मई, 2003 को उन्होंने ग़ाज़ियाबाद में आख़िरी साँस ली।
Additional Information
Title |
Default title
|
Publisher |
Rekhta Publications |
Language |
Hindi |
ISBN |
978-93-94494-32-9 |
Pages |
99 |
Publishing Year |
|