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E MERE VATAN

RAJU SHARMA

Rs. 725

About the Book:ऐ मेरे वतन एक और बहुस्तरीय उपन्यास है। राजू शर्मा के इस उपन्यास में वर्णित यथार्थ का फलक भी बड़ा है। किस्सागोई भी खूब है और इसकी भाषा रूढ़िमुक्त है, लेकिन इसके पीछे प्रयोजन जी बहलाव वाली पठनीयता पैदा करना नहीं बल्कि हमारे देश तथा समाज की दिनोदिन... Read More

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About the Book:
ऐ मेरे वतन एक और बहुस्तरीय उपन्यास है। राजू शर्मा के इस उपन्यास में वर्णित यथार्थ का फलक भी बड़ा है। किस्सागोई भी खूब है और इसकी भाषा रूढ़िमुक्त है, लेकिन इसके पीछे प्रयोजन जी बहलाव वाली पठनीयता पैदा करना नहीं बल्कि हमारे देश तथा समाज की दिनोदिन और भयावह होती जाती स्थितियों को इस तरह पेश करना है ताकि हम सोचने को विवश हों कि हम किधर जा रहे हैं! इस उपन्यास में कई समानान्तर कथाएँ चलती रहती हैं पर उनके तार इस कड़वी हकीकत से जुड़े रहते हैं जो रोज हमारे चारों तरफ घटित हो रही है।

About the Author:
राजू शर्मा:- जन्म : 1959। शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर। लोक प्रशासन में पी-एच.डी.। 1982 से 2010 तक आईएएस सेवा में रहे। उसके बाद से स्वतंत्र लेखन, मुसाफ़रत और यदा-कदा की सलाहनवीसी। लेखन के अलावा रंगकर्म, फ़िल्म व फ़िल्म स्क्रिप्ट लेखन में विशेष रुचि। प्रकाशन : हलफनामे, विसर्जन, पीर नवाज़, क़त्ल गैर इरादतन (उपन्यास); व्यभिचारी, नोटिस २ (उपन्यासिका); शब्दों का खाकरोब, समय के शरणार्थी, नहर में बहती लाशें (कहानी-संग्रह); भुवनपति, मध्यमवर्ग का आत्मनिवेदन या गुब्बारों की रूहानी उड़ान, जंगलवश (नाटक)। कायान्तरण (अनूदित उपन्यास) । अनेक नाटकों का अनुवाद व रूपांतरण - पिता (ऑगस्त स्ट्रिनबर्ग)।
Description

About the Book:
ऐ मेरे वतन एक और बहुस्तरीय उपन्यास है। राजू शर्मा के इस उपन्यास में वर्णित यथार्थ का फलक भी बड़ा है। किस्सागोई भी खूब है और इसकी भाषा रूढ़िमुक्त है, लेकिन इसके पीछे प्रयोजन जी बहलाव वाली पठनीयता पैदा करना नहीं बल्कि हमारे देश तथा समाज की दिनोदिन और भयावह होती जाती स्थितियों को इस तरह पेश करना है ताकि हम सोचने को विवश हों कि हम किधर जा रहे हैं! इस उपन्यास में कई समानान्तर कथाएँ चलती रहती हैं पर उनके तार इस कड़वी हकीकत से जुड़े रहते हैं जो रोज हमारे चारों तरफ घटित हो रही है।

About the Author:
राजू शर्मा:- जन्म : 1959। शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर। लोक प्रशासन में पी-एच.डी.। 1982 से 2010 तक आईएएस सेवा में रहे। उसके बाद से स्वतंत्र लेखन, मुसाफ़रत और यदा-कदा की सलाहनवीसी। लेखन के अलावा रंगकर्म, फ़िल्म व फ़िल्म स्क्रिप्ट लेखन में विशेष रुचि। प्रकाशन : हलफनामे, विसर्जन, पीर नवाज़, क़त्ल गैर इरादतन (उपन्यास); व्यभिचारी, नोटिस २ (उपन्यासिका); शब्दों का खाकरोब, समय के शरणार्थी, नहर में बहती लाशें (कहानी-संग्रह); भुवनपति, मध्यमवर्ग का आत्मनिवेदन या गुब्बारों की रूहानी उड़ान, जंगलवश (नाटक)। कायान्तरण (अनूदित उपन्यास) । अनेक नाटकों का अनुवाद व रूपांतरण - पिता (ऑगस्त स्ट्रिनबर्ग)।

Additional Information
Title

Default title

Publisher Setu Prakashan Pvt. Ltd.
Language Hindi
ISBN 9789393758705
Pages 520
Publishing Year 2023

E MERE VATAN

About the Book:
ऐ मेरे वतन एक और बहुस्तरीय उपन्यास है। राजू शर्मा के इस उपन्यास में वर्णित यथार्थ का फलक भी बड़ा है। किस्सागोई भी खूब है और इसकी भाषा रूढ़िमुक्त है, लेकिन इसके पीछे प्रयोजन जी बहलाव वाली पठनीयता पैदा करना नहीं बल्कि हमारे देश तथा समाज की दिनोदिन और भयावह होती जाती स्थितियों को इस तरह पेश करना है ताकि हम सोचने को विवश हों कि हम किधर जा रहे हैं! इस उपन्यास में कई समानान्तर कथाएँ चलती रहती हैं पर उनके तार इस कड़वी हकीकत से जुड़े रहते हैं जो रोज हमारे चारों तरफ घटित हो रही है।

About the Author:
राजू शर्मा:- जन्म : 1959। शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर। लोक प्रशासन में पी-एच.डी.। 1982 से 2010 तक आईएएस सेवा में रहे। उसके बाद से स्वतंत्र लेखन, मुसाफ़रत और यदा-कदा की सलाहनवीसी। लेखन के अलावा रंगकर्म, फ़िल्म व फ़िल्म स्क्रिप्ट लेखन में विशेष रुचि। प्रकाशन : हलफनामे, विसर्जन, पीर नवाज़, क़त्ल गैर इरादतन (उपन्यास); व्यभिचारी, नोटिस २ (उपन्यासिका); शब्दों का खाकरोब, समय के शरणार्थी, नहर में बहती लाशें (कहानी-संग्रह); भुवनपति, मध्यमवर्ग का आत्मनिवेदन या गुब्बारों की रूहानी उड़ान, जंगलवश (नाटक)। कायान्तरण (अनूदित उपन्यास) । अनेक नाटकों का अनुवाद व रूपांतरण - पिता (ऑगस्त स्ट्रिनबर्ग)।