Dr. Ambedkar : Rashtra Darshan
Author | Kishor Makwana |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9353221683 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.333 kg |
Edition | 1st |
Dr. Ambedkar : Rashtra Darshan
भीमराव रामजी आंबेडकर केवल भारतीय संविधान के निर्माता एवं करोड़ों शोषित-पीडि़त भारतीयों के मसीहा ही नहीं थे, वे अग्रणी समाज-सुधारक, श्रेष्ठ विचारक, तत्त्वचिंतक, अर्थशास्त्री, शिक्षाशास्त्री, पत्रकार, धर्म के ज्ञाता, कानून एवं नीति निर्माता और महान् राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने समाज और राष्ट्रजीवन के हर पहलू पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सामाजिक समता और बंधुता के आधार पर एक नूतन भारत के निर्माण की नींव रखी। उनका व्यक्तित्व एक विराट् सागर और कृतित्व उत्तुंग हिमालय जैसा था।विगत अनेक वर्षों से वैचारिक अस्पृश्यता और राजनीतिक स्वार्थ के लगातार बढ़ते जा रहे विस्तार ने हमारे जिन राष्ट्रनायकों के बारे में अनेक भ्रांतियुक्त धारणाओं को जनमानस में मजबूत करने का दूषित प्रयत्न किया है, उनमें डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रमुख हैं। उन्हें किसी जाति या वर्ग विशेष अथवा दल विशेष तक सीमित कर दिए जाने के कारण सामाजिक समता-समरसता ही नहीं, राष्ट्रीय एकता की भी अपूरणीय क्षति हो रही है। इस दृष्टि से चार खंडों में उनका व्यक्तित्व-कृतित्व वर्णित है : खंड एक—'जीवन दर्शन', खंड दो—'व्यक्ति दर्शन', खंड तीन—'आयाम दर्शन' और खंड चार 'राष्ट्र दर्शन'। डॉ. बाबासाहब भीमराव आंबेडकर को समग्रता में प्रस्तुत करने वाला एक ऐसा अनन्य दस्तावेज है, जो उनके बारे में फैले या फैलाए गए सारे भ्रमों का निवारण करने में तो समर्थ है ही, साथ ही उन्हें एक चरम कोटि के दृष्टापुरुष तथा राष्ट्रनायक के रूप में प्रस्थापित करने में भी पूर्णतः सक्षम है।____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमअपनी बात —Pgs. 71. सामाजिक विषमता हिंदू धर्म की शील के लिए अशोभनीय —Pgs. 192. राष्ट्र के पराजय का कारण —Pgs. 213. ...तभी राष्ट्र प्रगति कर सकता है —Pgs. 224. हिमालय से टक्कर ली है —Pgs. 245. जातिसूचक नामों को छोड़, सिर्फ हिंदू कहा जाना पर्याप्त होना चाहिए —Pgs. 256. हिंदू समाज में भाईचारा निर्माण होना चाहिए —Pgs. 277. प्राथमिक शिक्षा सबके लिए सुलभ हो —Pgs. 308. जागृति की ज्वाला कभी बूझनी नहीं चाहिए —Pgs. 349. महाड का धर्म-संग्राम व वरिष्ठ हिंदुओं की जिम्मेदारी —Pgs. 3910. रामानुजाचार्य का अस्पृश्यता निवारण में योगदान —Pgs. 4211. छुआछूत देश पर काला धब्बा है, एेसा माननेवाले साहसी लोग चाहिए! —Pgs. 4612. छुआछूत की वजह से देश की असीम क्षति हुई —Pgs. 4713. राष्ट्रप्रेम होगा तभी वर्ण व्यवस्था जा सकती है —Pgs. 5314. सत्याग्रह दृढता की कठिन परीक्षा —Pgs. 6215. अछूतोद्धार महिलाओं की भी जिम्मेदारी —Pgs. 6616. प्रसव पूर्व अवधि में माँ को आराम—राष्ट्र हित में... —Pgs. 6917. जातिभेद के कारण हिंदू समाज का विकास बाधित हुआ —Pgs. 7118. नेहरू समिति की योजना : इस देश में किसी बात की कमी है, तो वह है राष्ट्रीय भावना की... —Pgs. 7519. अंग्रेजी सरकार नहीं, जनता द्वारा चुनी गई सरकार... —Pgs. 8320. अछूतों का भाग्योदय होगा —Pgs. 8621. राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते समय एक अस्पृश्य का लड़का, जो परिषद् में बैठेगा, किसी को विश्वास होगा? —Pgs. 8822. हिंदुओं की भावी पीढ़ी मेरे कार्यों को सराहेगी —Pgs. 9023. पूना समझौता : एेसे मार्ग प्रयोग में लाए जाएँ, जिससे अस्पृश्य समाज हिंदू समाज से अलग न दिखे! —Pgs. 9124. अस्पृश्यता नष्ट करने के मार्ग : कानून नहीं, केवल प्रेम का बंधन ही एक सूत्र में बाँध सकता है —Pgs. 9425. हिंदू धर्म को समानता का धर्म बनना होगा —Pgs. 10026. मैं हिंदू रहकर मरूँगा नहीं —Pgs. 10227. हिंदू समाज जातिहीन बनेगा, तभी आत्मरक्षा की ताकत आएगी —Pgs. 10428. ...इसलामी या ईसाई धर्म में गए तो अस्पृश्य लोग अराष्ट्रीय होंगे —Pgs. 11329. चातुर्वर्ण्य भारत के पतन और अवनति का कारण —Pgs. 11430. कांग्रेसी कहते हैं आंबेडकर विश्वासघाती है —Pgs. 11631. जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना चाहिए —Pgs. 11832. बिना चरित्र के शिक्षित मनुष्य जानवरों से भी ज्यादा खतरनाक —Pgs. 12233. मैं कम्युनिस्टों का पक्का दुश्मन हूँ —Pgs. 12334. मैं प्रथम भारतीय तथा अंत में भी भारतीय हूँ —Pgs. 12435. आत्मविश्वास दैवी शक्ति... —Pgs. 12636. स्वयं सुधरे बिना आप दूसरों को क्या सिखाएँगे? —Pgs. 13037. मंदिर प्रवेश का संघर्ष हिंदू समाज में समानता के लिए था —Pgs. 13338. सयाजीराव गायकवाड को श्रद्धांजलि : अस्पृश्य समाज पर उनके बहुत बड़े उपकार हैं —Pgs. 13539. कांग्रेस जैसी देशद्रोही-स्वार्थसाधु से सहानुभूति कैसे दिखा सकता हूँ? —Pgs. 13740. पत्रकारिता पर कानून का नियंत्रण आवश्यक —Pgs. 13941. अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए जीवन न्योछावर कर दूँगा —Pgs. 14142. समाज की प्रगति का मापदंड महिलाओं की प्रगति —Pgs. 14243. अहिंसा और दुर्बलता में अंतर —Pgs. 14444. भारत में विद्युत् ऊर्जा का रोडमैप विकास —Pgs. 14645. राष्ट्रीय जल नीति —Pgs. 15246. दामोदर नदी के पानी का उपयोग —Pgs. —Pgs. 15547. नदियों पर बाँध बनाने से समृद्धि बढ़ेगी —Pgs. 15948. कांग्रेस-कम्युनिस्ट का अछू��ो�� के प्रति स्नेह नेस्तनाबूद करने के लिए —Pgs. 16549. कम्युनिस्टों से सावधान रहो —Pgs. 16850. मुझे व्यक्ति पूजा अच्छी नहीं लगती —Pgs. 17051. महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि, दलितों और पीड़ितों का सहारा चला गया... —Pgs. 17252. हिंदू कोड बिल : मुख्य विशेषताएँ —Pgs. 17353. समान नागरिक संहिता जरूरी —Pgs. 17954. संविधान की प्रस्तावना में फेरबदल करने का कोई औचित्य नहीं —Pgs. 18355. खून की आखरी बूँद रहने तक स्वतंत्रता की रक्षा का दृढ संकल्प... —Pgs. 18556. हिंदू कोड कॉमन सिविल कोड की दिशा में एक सही कदम था —Pgs. 19657. खिलजी ने नालंदा में छह हजार विद्यािर्थयों की हत्या की —Pgs. 19858. हिंदू कोड बिल से ही हिंदू धर्म का उद्धार होगा —Pgs. 20159. लोकतंत्र की विफलता बगावत, अराजकता और साम्यवाद को जन्म देगी —Pgs. 21460. समाज का पैसा डकारना जालसाजी —Pgs. 22061. विद्यार्थी राष्ट्र का आदर्श नागरिक होगा या नहीं, वह शिक्षा प्रणाली तय करती है —Pgs. 22362. आधुनिक लोकतंत्र की सफलता के लिए पूर्व शर्तें... —Pgs. 22663. मैं ही भारत का संविधान जलाऊँगा —Pgs. 23564. जो धर्म समझा, वही देश का कल्याण करेगा —Pgs. 23765. दोषपूर्ण विदेश नीति —Pgs. 23866. प्रधानमंत्री नेहरू अछूत विरोधी —Pgs. 24267. मेरा जीवन दर्शन : स्वतंत्रता, समता एवं बंधुत्व —Pgs. 25268. मेरे तीन उपास्य देवता—विद्या, स्वाभिमान एवं चरित्र —Pgs. 25469. दलितों में राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत् होने के कारण ईसाई धर्म शत्रुवत् लगने लगा —Pgs. 26070. मलिन मन को शुद्ध करना ही धर्म है —Pgs. 26271. जो धर्म साम्यवाद को जवाब नहीं दे सकता वह जीवित नहीं रहेगा —Pgs. 26572. बौद्ध धर्म ग्रहण करने के पश्चात् मैं अछूत नहीं—आरक्षण का अधिकार नहीं —Pgs. 26673. धर्म सबको चाहिए —Pgs. 26874. कम्युनिस्ट को हिंसा प्रिय है —Pgs. 27675. वैदिक काल में कहीं कोई अस्पृश्यता नहीं थी —Pgs. 28176. भारत पर आर्य आक्रमण का सिद्धांत गलत —Pgs. 28677. भारत विभाजन के पीछे की मानसिकता —Pgs. 292संदर्भ सूची —Pgs. 304
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