Description
दयानंद अनंत की कहानियाँ हमारे आस-पास के सत्य के उन कोणों को अनावृत करती हैं जो ऊपरी घटनाक्रम के प्रभावों के कारण हमारी दृष्टि से ओझल रहते हैं। सत्य के इसी अन्तःप्रवाह में संवेदना की अन्तर्धाराएँ त्रासद और विरूप होते जाते जीवन क्रम को नई अर्थछवियों के साथ उजागर करती हैं। 'संन्यासी और क्रान्तिकारी के सपनों के द्वन्द्व के बीच लेखक सतत विग्रहरत रहा है। यह लड़ाई आत्मचेता प्रबुद्ध आदमी की लड़ाई है जो वह निहत्था लड़ता है। वह उन सभी मोर्चों पर युद्धरत है जहाँ से अन्याय का कोई भी संकेत मनुष्यता के विरुद्ध षड्यंत्र करता है। आम लोगों के जीवन-चक्र में किस तरह से वैश्विक भाव जुड़ जाता है, यही कौशल इन कहानियों का आधारभूत गुण है। बेहद संप्रेष्य भाषा में रचना दुष्कर काम है। दयानंद अनंत की कहानियाँ रचना के इस दुष्कर पड़ाव की रचनात्मक यात्राएँ हैं। -डॉ. गंगाप्रसाद विमल