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Chhayavad : Sau Saal

Prof. Suryaprasad Dixit

Rs. 250

यह छायावाद का शताब्दी वर्ष है। उसे जनमते, विकसित होते और तिरोहित होते हुए हममें से जिन लोगों ने देखा है, उन्हें पूर्वदीप्ति के सहारे, पीछे मुड़कर पुनः उन विभिन्न मोड़ों को देखना अर्थात् इतिहास का साक्षी बनना अच्छा लगेगा। मुझे विशेष खुशी इस बात की है कि इसके उत्कर्षकाल... Read More

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यह छायावाद का शताब्दी वर्ष है। उसे जनमते, विकसित होते और तिरोहित होते हुए हममें से जिन लोगों ने देखा है, उन्हें पूर्वदीप्ति के सहारे, पीछे मुड़कर पुनः उन विभिन्न मोड़ों को देखना अर्थात् इतिहास का साक्षी बनना अच्छा लगेगा। मुझे विशेष खुशी इस बात की है कि इसके उत्कर्षकाल को प्रत्यक्षतः महसूसने का अवसर मुझे भी मिला है।
Description
यह छायावाद का शताब्दी वर्ष है। उसे जनमते, विकसित होते और तिरोहित होते हुए हममें से जिन लोगों ने देखा है, उन्हें पूर्वदीप्ति के सहारे, पीछे मुड़कर पुनः उन विभिन्न मोड़ों को देखना अर्थात् इतिहास का साक्षी बनना अच्छा लगेगा। मुझे विशेष खुशी इस बात की है कि इसके उत्कर्षकाल को प्रत्यक्षतः महसूसने का अवसर मुझे भी मिला है।

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Book Type

Hardbound

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Chhayavad : Sau Saal

यह छायावाद का शताब्दी वर्ष है। उसे जनमते, विकसित होते और तिरोहित होते हुए हममें से जिन लोगों ने देखा है, उन्हें पूर्वदीप्ति के सहारे, पीछे मुड़कर पुनः उन विभिन्न मोड़ों को देखना अर्थात् इतिहास का साक्षी बनना अच्छा लगेगा। मुझे विशेष खुशी इस बात की है कि इसके उत्कर्षकाल को प्रत्यक्षतः महसूसने का अवसर मुझे भी मिला है।