Cheeta
Regular price
₹ 395
Sale price
₹ 395
Regular price
₹ 395
Unit price
Save 0%
Tax included.
Author | Kabeer Sanjay |
Publisher | Vani Prakashan |
Item Weight | 0.0 kg |
Cheeta
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
"पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के साढ़े तीन अरब सालों में न जाने कितने क़िस्म के जीव पैदा हुए और मर-खप गये। कॉकरोच और मगरमच्छ जैसे कुछ ऐसे जीव हैं जो हज़ारों-लाखों सालों से अपना अस्तित्व बनाये रखे हुए हैं। जबकि, जीवों की हज़ारों प्रजातियाँ ऐसी रही हैं, जो समय के साथ तालमेल नहीं बैठा सकीं और विलुप्त हो गयीं। उनमें से कुछ प्रजातियाँ ऐसी भी थीं जो पूरी प्रकृति की नियन्ता भी बन चुकी थीं। लेकिन, जब वे ग़ायब हुईं तो उनका निशान ढूँढ़ने में भी लोगों को मशक़्क़त करनी पड़ी। हालाँकि, विलुप्त हुए जीवों ने भी अपने समय की प्रकृति और जीवों में ऐसे बड़े बदलाव किये, जिनके निशान मिटने आसान नहीं हैं। भारत के जंगलों से भी एक ऐसा ही बड़ा जानवर हाल के वर्षों में विलुप्त हुआ है, जिसके गुणों की मिसाल मिलनी मुश्किल है। चीता कभी हमारे देश के जंगलों की शान हुआ करता था। उसकी चपल और तेज़ रफ़्तार ने काली मृग जैसे उसके शिकारों को ज़्यादा-से-ज़्यादा तेज़ भागने पर मजबूर कर दिया। काली मृग या ब्लैक बक अभी भी अपनी बेहद तेज़ रफ़्तार के लिए जाने जाते हैं। इस किताब में भारतीय जनमानस में रचे-बसे चीतों के ऐसे ही निशानों को ढूँढ़ने के प्रयास किये गये हैं। यक़ीन मानिए कि यह निशान भारत के जंगलों में अभी भी बहुतायत से बिखरे पड़े हैं। ज़रूरत सिर्फ़ इन्हें पहचानने की है। भारतीय जंगलों के यान कोवाच की मौत भले ही हो चुकी है लेकिन उनका अन्त नहीं हुआ है। उनके अस्तित्व की निशानियाँ अभी ख़त्म नहीं हुई हैं। / हम धरती पर अकेले नहीं हैं। बहुत सारे जीव-जन्तु और वनस्पतियां हैं, जो हमारे जैसे ही जन्म लेती हैं, बड़ी होती हैं और मर जाती हैं। अपने जीवन भर वे खाने-पीने की जुगत में लगी होती हैं। पोषण से बड़ी होती हैं। अपनी सन्तति को आगे बढ़ाने की फ़िक्र में घुली रहती हैं। अपनी ऊर्जा की एक लकीर अपनी सन्तति में खींचकर वे समाप्त हो जाती हैं। सोचिए, अगर हम अकेले होते। हमारे अलावा कोई भी ऐसा नहीं होता, जिसमें जीवन का स्पन्दन हो। चारों तरफ़ सिर्फ़ निर्जीव चीज़ें ही होतीं। ऐसी दुनिया की कल्पना करना भी मुश्किल है। हमारा अस्तित्व सिर्फ़ इसलिए है, क्योंकि उनका अस्तित्व है। जीवों और वनस्पतियों की इन असंख्य प्रजातियों के बिना हमारा जीवन सम्भव नहीं है। हमारी हर साँस इसकी क़र्ज़दार या निर्भर है। फिर क्यों हम सिर्फ़ अपने जीवन की शर्त पर सब कुछ को नष्ट करने पर तुले हुए हैं। क्या जब वे मौजूद नहीं होंगे, नष्ट हो चुके होंगे, तब भी हम इस धरा पर ऐसे ही बचे रहेंगे। ऐसी कोई सम्भावना दिखती तो नहीं है। "
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.