Chand Ka Teela
Item Weight | 200 Grams |
ISBN | 978-9386054937 |
Author | Shikha Gupta |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
Book Type | Hardbound |
Edition | 1st |

Chand Ka Teela
श्रीमती शिखा गुप्ता की पुस्तक की पांडुलिपि हाथों में आने के बाद मेरी पहली प्रतिक्रिया थी कि इसका नाम 'चाँद का टीला' अद्भुत और अभिव्यंजक है। 'चाँद का टीला' का संबंध यादों से तो है ही, साथ में आस-पास की, अपने इर्द-गिर्द के समाज की, सामाजिक संबंधों की मुरादों और हालात को बदलने के इरादों से भी है।कविमन को पर्यावरण की चिंता है। पीपल का वृक्ष छाती पर आरी के दाँते महसूस कर रहा है।कटा वो पेड़ तो मैं कितना रोया,उसी से थी मेरी पहचान बाकी।विद्वान् किस भ्रम में जी रहे हैं, वे पूछती हैं। चर्चा-परिचर्चा में व्यस्त बुद्धिजन आश्वासनों के बल पर या आमजन की पीड़ा का निवारण कर सकते हैं। प्रकृति से खिलवाड़ करके आपदाओं के लिए ऊपरवाले को दोष देना या सही है।खुदा है कैद अब तो मजहबों में,फरिश्ते भी यूँ धूल फाँकते हैं।दिलासों ने जलाए शहर इतने,के अब तो होंठ कहते काँपते हैं।शिजी की कविता के अनेक फलक हैं। तरह-तरह के आयाम हैं। भाषा का सौष्ठव है। शदों के अनेकार्थी प्रयोग हैं। शैली में नवीनता है। उम्मीद करता हूँ कि पिछली पुस्तक के समान उनकी इस पुस्तक का भी स्वागत होगा। —अशोक चक्रधर____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रम प्रस्तावना : सबके अनुभवों में प्रवेश करती कविताएँ—536. सबसे बुरा होता है —72मन से... 737. ख़ुद के लिए —751. सिलसिला —1338. कुछ सामान बाक़ी —772. शहर —1539. तुम्हारी आवाज़ —783. वो मिला... 1740. पैबंद —794. धूप सुनहरी —1941. एक प्रत्याशा —80 5. क्यूँकर हुआ—2142. सरगम —826. रंग बदलते रिश्ते —2243. सत्य से प्रश्न —847. तल्ख़ियाँ —2444. चाहती हूँ यक़ीन कर लेना —868. पीपल का वृक्ष —2545. हद —889. एक सच ये भी —2846. भाव —8910. मैं कोई लम्हा नहीं —2947. धूप के टुकड़े —9111. धरती का रुदन —3148. मात्र परों से क्या होता है —9312. सच के रूप —3349. क्या हूँ मैं —9513. बारिश की रितु एक ही लेकिन —3450. धूप का पुर्ज़ा —9714. विदाई —3651. कोरे स्वप्न—9915. धूप से मुलाक़ात —3852. इंतज़ार —10116. क्यूँ रूठे बदरा —4053. चाँद का टीला—10317. चाँद का दर्द —4154. जड़ें —10518. अभिव्यक्ति —4355. पिघली-सी चाँदनी —10719. लौटा है बचपन —4556. भीगी-भीगी नदी —10920. कब छोड़ती हैं यादें —4657. वादा —11121. माँ-बेटी —4858. डायरी के पन्ने —11322. दरारों की इबारत —4959. ईश्वर जब कहलाते हो —11523. पगडंडी —5060. बँटवारा —11724. बेतरतीब यादें —5261. चलो! ये मज़ाक फिर से दोहरायें —11925. सच्चा इश्क़—5362. पावस ऋतु —12126. मेरी कविता इतनी सी है —5463. नियमानुसार —12227. सफ़र —5664. विजय के बाद —12328. कठपुतलियाँ —5865. हमारा संग —12529. यादें —6066. वो बात अब कहाँ —12630. वो तेज़ धूप —6267. उम्मीदों का एहसान —12731. स्त्री रिसती है पल पल —6468. खिड़की के उस पार इक चेहरा —12832. इंतज़ार का सफर —6569. देह के बंधन —13033. वो एक पल —6670. फ़ैसला —13134. पौध—6871. वेश्या —13235. सोच रही हूँ क्या है कविता —7072. हम बाज़ार सजाते हैं —133
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