Description
भागीदारी का संघर्ष - भारत में आरक्षण व्यवस्था कोई नयी नहीं है, यह वर्षों से चली आ रही है। हज़ारों वर्षों से चली आ रही एक आरक्षण व्यवस्था वर्ण व्यवस्था पर आधारित है जिसके कारण समाज का बहुसंख्यक वर्ग सामाजिक और आर्थिक रूप से हर क्षेत्र में पिछड़ गया। दूसरी आरक्षण व्यवस्था संविधान प्रदत्त है जो कि प्राचीन आरक्षण व्यवस्था के कारण पिछड़ गये वर्ग की विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी सुनिश्चित करके उसे विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करती है। लेकिन इस आरक्षण व्यवस्था को लेकर समाज में इतने भ्रम हैं कि इन भ्रमों के कारण समाज हमेशा दो भागों में बँटा रहता है। आरक्षण नीति की सही जानकारी न तो आरक्षण विरोधी वर्ग को है और न ही आरक्षण से लाभान्वित वर्ग को है। आरक्षण नीति भीख नहीं है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में वंचित वर्ग की भागीदारी का मामला है वर्तमान पुस्तक का उद्देश्य भागीदारी के इस संघर्ष के विभिन्न पहलुओं की सही जानकारी पाठक वर्ग को उपलब्ध कराना है ताकि आरक्षण से सम्बन्धित यदि कोई बहस हो तो वह सार्थक और तथ्यपरक हो।