Rs. 225.00
तेंडुलकर द्वारा लिखित यह नाटक मन को ही नहीं आत्मा को भी झकझोर देता है। तेंडुलकर किसी भी विषय की गहराई में इतना डूबकर लिखते हैं कि दर्शक मौन हो जाता है। यह कहानी बेबी या उसके भाई राघव की नहीं वरन् समाज में बेसहारा, लाचार और शोषितों की कहानी... Read More
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