Ateet Ke Antaral
Item Weight | 273 Grams |
ISBN | 978-8177213867 |
Author | Shri Mohanlal Upadhyaya |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan |
Book Type | Hardbound |
Publishing year | 2019 |
Edition | 1st |
Return Policy | 5 days Return and Exchange |

Ateet Ke Antaral
संत पंचमी में केवल एक दिन शेष था। कौशांबी की साज-सज्जा अवर्णनीय थी। सभी राजपथ, हट्ट, चौहट्ट, पण्यगृह, राजप्रासाद और गगनचुंबी धवल अट्टालिकाएँ रंग-बिरंगी पताकाओं से सुसज्जित थीं। घरों के प्रवेश द्वारों पर अशोक एवं आम्र-पल्लवों के वंदनवार लटकाए गए थे। घरों के मुख्य द्वारों के सामने रंग-बिरंगे चूर्गों से अल्पनाएँ बनाई गई थीं। नगर के प्रमुख राजमार्गों तथा चतुष्पथों पर पल्लवों एवं पुष्पों से स्वागत द्वारों का निर्माण किया गया था। चतुष्पथों पर संस्थापित कौशांबी के भूतपूर्व सम्राटों की प्रतिमाओं को रासायनिक चूर्णो से विभासित कर पुष्प मालाओं से सुसज्जित किया गया था।-इसी उपन्यास सेइस इतिहास-सम्मत उपन्यास में चंद्रवंशीय कौशांबी सम्राट् सहस्रानीक और उनके ओजस्वी आत्मज उदयन की रोमांचक-रोमानी कथा आकर्षक शैलीशिल्प में प्रस्तुत है। लेखक की मौलिक भावनाएँ घटनाक्रम की रोचकता को निरंतर प्रभावपूर्ण बनाती हैं। भारतीय संस्कृति-सभ्यता के आदि-स्रोत कथ्य की तह से सतह तक एक से हैं। इस कृति में उपन्यास कला का नवीन आयाम दिखाई देता है, जो इसकी पठनीयता का पोषक है।____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमआमुख —Pgs. 9अभिमत —Pgs. 15दो शब्द —Pgs. 171. प्रतिभा-पौरुष का प्रतीक-सहस्रानीक —Pgs. 212. राज्याभिषेक —Pgs. 253. बासंती सौरभ —Pgs. 294. सीमांत पर घटनाक्रम —Pgs. 355. सीमांत के घटनाचक्र —Pgs. 416. बंदियों की मुक्ति —Pgs. 457. नगाधिराज हिमालय —Pgs. 518. अमरावती का लालित्य —Pgs. 599. तिलोत्तमा द्वारा शाप —Pgs. 6310. सरोवर-सुषमा —Pgs. 7111. महिमामयी मृगावती —Pgs. 7712. प्रणय-परिणय —Pgs. 8213. मगध से युद्ध —Pgs. 9714. राज-दंपती के स्वप्न —Pgs. 10315. संगम-स्नान —Pgs. 11016. रानी का दुराग्रह एवं गंगासागर-यात्रा —Pgs. 11317. दुर्घटना —Pgs. 11918. महर्षि जमदग्नि का आश्रम —Pgs. 12719. शोक संतप्त सम्राट् —Pgs. 13320. कुमार जन्म —Pgs. 13821. कौशांबी में नवरात्र पर्व —Pgs. 14222. संस्कार एवं शैशव —Pgs. 14723. सम्राट् की श्रीवस्ती-यात्रा —Pgs. 15124. युद्ध परिषद् की मंत्रणा —Pgs. 16025. आचार्य विश्वकीर्ति मांडव्य —Pgs. 16226. युद्ध —Pgs. 16627. उदयन का हस्ति-सम्मोहन —Pgs. 17128. सर्पाजीविक की कौशांबी यात्रा —Pgs. 17729. विजयोत्सव —Pgs. 18130. तापसी मृगावती —Pgs. 18931. सम्राट् की उदयाद्रि यात्रा —Pgs. 19132. वैशाली में विश्राम —Pgs. 19733. मिथिला विराम —Pgs. 20434. उपगिरि कांतार की यात्रा —Pgs. 20735. पिता-पुत्र भेंट —Pgs. 21536. पुनर्मिलन —Pgs. 21937. साम्राज्ञी का कौशांबी पहुँचना —Pgs. 22538. आकुलता का सुखद विराम —Pgs. 228परिशिष्ट —Pgs. 231
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