Ashru-Samandar
Regular price
₹ 225
Sale price
₹ 225
Regular price
Unit price
Save
Tax included.
Author | Ganvru Pramod (Pramod Kumar) |
Language | Hindi |
Publisher | Rajmangal Publishers (Rajmangal Prakashan) |
Pages | 129 |
ISBN | 978-9394920262 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.4 kg |
Dimensions | 28*18*4 |
Edition | 1st |
Ashru-Samandar
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
&nbs;इस औपन्यासिक कृति में समस्त विषयों को अनूठी अभूतपूर्व घटनाओं के माध्यम से उकेरा गया है। और इसमें मानवीय भावनाओं को पूर्णतया तरजीह दिया गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस उपन्यास को पढ़कर पाठक अपने आपको वैश्विक प्रेम के उत्तुंग शिखर पर पाएंगे। इसे पढ़ने के बाद वे शतप्रतिशत इस बात पर सहमत होंगे कि देश समाज एवं विश्व के उथलपुथल तकलीफ़ों को दूर करने का एकमात्र उपाय है मानवीयप्रेम। इसमें उन्हें चिर शाश्वत मानवीय प्रेम की जीवंत अनुभूति हो सकेगी।//इस उपन्यास के लेखक प्रमोद कुमार जिनका जन्म 1975 ई. में हुआ था का बचपन कई अभावों भरा रहा है। वर्ष 1980 के दिसंबर में इनके पिता (राम बिलास महतो) अनंत में विलीन हो गए।। इनकी माँ (पार्वती देवी) फरवरी 2004 में अनंत लोक को गमन कर गईं।br&nbs; &nbs; &nbs; ये अपना समस्त लेखन कार्य 'गंवरु प्रमोद' नाम से करते हैं। कुछ अलग हटके लिखने का शौक इन्हें दसवीं कक्षा से ही रहा है। जब ये दसवीं में थे तो गांव के बच्चों को फ्री ट्यूशन दिया करते थे। दक्षिणा स्वरूप कुछ पैसे भी मिल जाते थे। उसी पैसों में से इंटरमीडिएट में नामांकन के वक्त इन्होंने पहली बार डॉ सर्वेपल्लि राधाकृष्णन् द्वारा व्याख्यायित 'भगवद्गीता' खरीदकर पढ़ा। उस समय इन्हें गीता का मर्म बहुत कम समझ में आया। लेकिन बाद में यही गीताअध्ययन इनके जीवन को कर्म प्रधान बना दिया। इनकी औपचारिक शिक्षा स्नातक (प्रतिष्ठा) तक हुई है। दसवीं से स्नातक तक के अध्ययन के दौरान ये बच्चों को ट्यूशन देकर अपने पढ़ाई का खर्च निकाले।&nbs;br&nbs; &nbs; &nbs; &nbs; इन्हें झूठ से सख़्त नफ़रत है और विपरीत परिस्थिति में भी हार न मानने की आदत है। कड़ी मेहनत एवं अदम्य इच्छाशक्ति के बल पर वे स्नातक अंतिम वर्ष के दौरान सरकारी बैंकों में नौकरी हासिल किए। नौकरियां परिवर्तन पश्चात फिलहाल ये भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत ई.एस.आई.सी. में सहा.निदेशक पद पर कार्यरत हैं।&nbs;br&nbs; &nbs; &nbs; &nbs; अथक परिश्रम के धनी प्रमोद जी अपना रोल मॉडल ख़ुद को मानते हैं। कष्ट में अभाव में होने पर ये 'भगवद्गीता' का शरण लेते हैं जो उन्हें सत्य के मार्ग से भटकने नहीं देती।br&nbs; &nbs; &nbs; &nbs; गंवरु प्रमोद द्वारा अबतक लिखित एवं प्रकाशित पुस्तकें हैं सफलता के ग्यारह अध्याय कर्म के ग्यारह अध्याय उत्सर्ग (उपन्यास) रामराज्य की परिकल्पना 7.4/सेवन प्वाइंट फोर स्वाभिप्रेरितएकलव्य (महाकाव्य) सीतायण (महाकाव्य) उउछंग (उपन्यास) कासृति हिंदुस्तान की।&nbs;br&nbs; &nbs; &nbs; &nbs; &nbs;हिंदी में लिखित प्रस्तुत उपन्यास 'अश्रुसमंदर' उनकी दसवीं कृति है जिसका अंग्रेजी संस्करण (सी ऑफ टीयर्स) भी उनके द्वारा बहुत जल्द पाठकों को सौंपा जाएगा।
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.