Andhere Se Ujale ki Ore
Author | Arun Jaitley |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9351865872 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.309 kg |
Edition | 1 |
![Andhere Se Ujale ki Ore](http://rekhtabooks.com/cdn/shop/products/1472896385.jpg?v=1685778927&width=360)
Andhere Se Ujale ki Ore
हालाँकि टेलिकॉम सेवाओं में काफी विस्तार हुआ है, लेकिन अब स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए कोई तैयार नहीं। नए निवेशक इस क्षेत्र में आने से हिचक रहे हैं और जो लोग इसमें निवेश कर चुके हैं, वे लाभ कमाने के बाद भी उस माहौल पर अफसोस जता रहे होंगे, जिसमें वे काम कर रहे हैं। सफलता की यह कहानी नाकाम क्यों हो गई? शुरुआत में प्रधानमंत्री ने दूरसंचार विभाग ऐसे मंत्री को सौंपा, जिनके हित खुद इससे जुड़े हुए थे। संप्रग सरकार के पहले दूरसंचार मंत्री के खिलाफ आपराधिक जाँच जारी है। सीबीआई यूपीए सरकार की महज एक राजनीतिक इकाई बनकर रह गई। सीबीआई निदेशक के रूप में नियुक्त किए गए अधिकारी भी सरकार के दबाव में काम करते रहे और उन्होंने इस जाँच एजेंसी का इस्तेमाल गंभीर अपराधों की जाँच के लिए नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए किया। सीबीआई द्वारा बसपा की नेता के खिलाफ दायर किए गए मामले में अपना काम किया और बहुजन समाज पार्टी द्वारा दिखाई गई राजनीतिक अवसरवादिता से यह बात साबित भी हो गई।—इसी पुस्तक से ____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमप्रकाशकीय Pgs—51. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला : अनोखी बंदरबाँट Pgs—112. राष्ट्रमंडल खेल घोटाले का सच Pgs—133. लालू पर आखिर साबित हुए दोष Pgs—214. कोयला ब्लॉक आवंटन की अहम फाइलें गायब Pgs—235. कोयला ब्लॉक आवंटन : सरकारी दखल का सिलसिला Pgs—256. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला : किसकी उँगली, किस ओर Pgs—287. कहानी दूरसंचार की Pgs—318. वैध खनन में जारी अवैध गोलमाल Pgs—349. 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में घोटाला, पर दूरसंचार में क्रांति Pgs—3710. मतदान के लिए नकदी लेनदेन का कलंक Pgs—4111. बोफोर्स भ्रष्टाचार मामला Pgs—4812. सीबीआई के संचालन पर मंत्री समूह की सिफारिशें Pgs—एक तमाशा Pgs—5213. सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई का दुरुपयोग Pgs—5714. राजनीतिक हथियार है सीबीआई? Pgs—6015. कैसे हो न्यायपालिका निर्भीक और गतिशील Pgs—6216. कई-कई दबावों में निखरी है न्यायपालिका, सुधार जरूरी Pgs—7417. अदालतों में मामलों के बढ़ते बोझ घटाने की कोशिश Pgs—8018. गतिशील और सामाजिक स्तंभ रहा है उच्चतम न्यायालय Pgs—8619. मामलों की तादाद कम करने के लिए वैकल्पिक विवाद निस्तारण तंत्र Pgs—8920. आपातकाल के वे काले दिन Pgs—9721. हिंदू दा नेता जयप्रकाश Pgs—10322. देश हित में आवाज उठाने वाले नानाजी Pgs—10623. आर्थिक सुधारों के प्रति सचेत अटलजी Pgs—10924. भारतीय संविधान के पचास साल Pgs—समाज करे आत्मविश्लेषण Pgs—11125. मजबूती क्यों न हो निर्वाचन आयोग की आजादी में Pgs—11926. किराए पर कैमरों के बहाने काली कमाई का शोर Pgs—12327. ध्वनि तरंगों पर हक सबका, सावधानी फिर भी जरूरी Pgs—12528. सोशल मीडिया की आजादी, इंटरनेट की चुनौती Pgs—12929. बदलते आर्थिक हालात में प्रिंट मीडिया का दमकता चेहरा Pgs—13430. मीडिया की आजादी पर कानूनी नजर क्यों जरूरी Pgs—14131. सूचना के बढ़ते माध्यम और कानूनी शिकंजों की बेबसी Pgs—15332. मीडिया और विकास Pgs—17033. सामाजिक बदलाव, कानून और मीडिया के अंतर्संबंध Pgs—18434. पाठकों के ही पास है मीडिया का रिमोट कंट्रोल Pgs—18835. 'पेड न्यूज' वाक् स्वातंत्र्य नहीं, इलाज संभव Pgs—19136. मीडिया माध्यमों के नए रूप और नियंत्रण Pgs—19437. अनुच्छेद 370 और धर्मनिरपेक्षता अलग-अलग मुद्दे Pgs—19738. जम्मू कश्मीर में बेटी विरोधी स्थिति Pgs—20039. भारतीय संघ और कश्मीरी संबंधों पर नाकाम कार्य समूह Pgs—20340. जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री को पत्र Pgs—20541. कश्मीर में कब्जे का पाक इरादों का मुकाबला Pgs—20742. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने नाकाम किए आतंकी मंसूबे Pgs—21043. ऐतिहासिक भूलों से बढ़ी जम्मू-कश्मीर में अशांति Pgs—21644. जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के नए इरादे Pgs—21945. भारतीय आन-बान-शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज Pgs—22246. राष्ट्रीय एकता यात्रा बनाम राष्ट्रीय भावना का प्रचार Pgs—22547. कश्मीर में अफस्फा जरूरी क्यों Pgs—22748. अमरनाथ यात्रा का ऐतिहासिक गौरव Pgs—23049. कार्यसमूह को अरुण जेटली का पत्र Pgs—23250. छद्म धर्म निरपेक्षता और आतंक का जोर Pgs—238
- Over 27,000 Pin Codes Served: Nationwide Delivery Across India!
- Upon confirmation of your order, items are dispatched within 24-48 hours on business days.
- Certain books may be delayed due to alternative publishers handling shipping.
- Typically, orders are delivered within 5-7 days.
- Delivery partner will contact before delivery. Ensure reachable number; not answering may lead to return.
- Study the book description and any available samples before finalizing your order.
- To request a replacement, reach out to customer service via phone or chat.
- Replacement will only be provided in cases where the wrong books were sent. No replacements will be offered if you dislike the book or its language.
Note: Saturday, Sunday and Public Holidays may result in a delay in dispatching your order by 1-2 days.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.