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About Book 'प्रस्तुत किताब 'रेख़्ता नुमाइन्दा कलाम’ सिलसिले के तहत प्रकाशित प्रसिद्ध उर्दू शाइर वसीम नादिर, (वसीम अहमद ख़ाँ) का दूसरा ग़ज़ल-संग्रह है जो जो शे’र कहने के नए अन्दाज़ और भावात्मक फैलाव के लिए जाने जाते हैं| वसीम नादिर उर्दू ग़ज़ल के, 1990 के दशक के बा’द, नुमायाँ होने... Read More
About Book
'प्रस्तुत किताब 'रेख़्ता नुमाइन्दा कलाम’ सिलसिले के तहत प्रकाशित प्रसिद्ध उर्दू शाइर वसीम नादिर, (वसीम अहमद ख़ाँ) का दूसरा ग़ज़ल-संग्रह है जो जो शे’र कहने के नए अन्दाज़ और भावात्मक फैलाव के लिए जाने जाते हैं| वसीम नादिर उर्दू ग़ज़ल के, 1990 के दशक के बा’द, नुमायाँ होने वाले चन्द अहम शाइ’रों में शामिल हैं| 2015 में उनका पहला ग़ज़ल-संग्रह ‘शाम से पहले’ प्रकाशित हुआ जिसे उर्दू अकादमी देहली ने सम्मानित किया। यह किताब देवनागरी लिपि में प्रकाशित हुई है और पाठकों के बीच ख़ूब पसंद की गई है|
About Author
वसीम नादिर, (वसीम अहमद ख़ाँ) उर्दू ग़ज़ल के, 1990 के दशक के बा’द, नुमायाँ होने वाले चन्द अहम शाइ’रों में शामिल हैं, जो शे’र कहने के नए अन्दाज़ और भावात्मक फैलाव के लिए जाने जाते हैं। 1974 में ककराला, बदायूँ (उत्तर प्रदेश) में पैदा हुए। शिक्षा-दीक्षा अपने शहर में हुई। कारोबार के सिलसिले में देहली में रहे मगर स्थायी निवास बदायूँ में। 2015 में उनका पहला ग़ज़ल-संग्रह ‘शाम से पहले’ प्रकाशित हुआ जिसे उर्दू अकादमी देहली ने सम्मानित किया।\