BOOK REVIEW: आधा गांव - राही मासूम रज़ा (aadha gaanv - rahee masoom raza)
कवि-कथाकार राही मासूम रज़ा को कौन नहीं जानता. अगर किताबों से नहीं जानते तो ऐसे जानिए कि राही मासूम रज़ा वही जिन्होंने B R Chopra रामानंद सागर की महाभारत के डायलॉग्स लिखे. राही साहब के उपन्यासों-कहानियों को पढ़ कर हर बार आपको लगेगा कि ये तो हमारे ही बीच का कोई है. ‘टोपी शुक्ला’, ‘कटरा बी आर्ज़ू’, ‘मुहब्बत के सिवा’, ‘असंतोष के दिन’, ‘नीम का पेड़’ ऐसे और कई सारे उनके उपन्यास हैं. बहुत पहले लिखे गए इन उपन्यासों के कैरेक्टर अब भी पढ़ने पर जीवंत लगते हैं. इनमें लिखी घटनाएं अब भी समसामयिक.
उन्होंने अपनी पहली उपन्यास लिखी थी 1966 में. नाम 'आधा गांव'. उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव गंगौली में बंटवारे के दौरान क्या चल रहा था,वो सब कुछ है इसमें.पाकिस्तान बनने की घोषणा से बदलती हुई मानसिक स्थिति, लोगों की बदलती हुई सोच और गंगौली के ग्रामीणों के मन में फैलती सांप्रदायिक ताकतें. रज़ा साहब ने लिखा कि "इधर कुछ दिनों से गंगौली में गंगौलीवालों की संख्या कम होती जा रही है और सुन्नियों, शियाओं और हिन्दुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। शायद इसलिए नूरुद्दीन शहीद की समाधि पर अब उतना बड़ा मजमा नहीं लगता और गंगौली का वातावरण ‘बेल महमदी या हुसैन’ की आवाज से उस तरह नहीं गूँजता, जिस तरह कभी गूँज उठा करता था।"
बस इतना ही तत्कालीन स्थिति और बदलती मनोस्थिति को बताने को पर्याप्त है.आगे रज़ा साहब ने लिखा है कि- "गंगौली के लोगों के समझ में नहीं आ रहा था कि मुसलमानों को अलग वतन की जरूरत क्यों आन पड़ी है". पाकिस्तान का निर्माण तथा मुस्लिम लीग उनके समझ के बाहर की चीज थी. पाकिस्तान चले जाने से उनका विकास किस तरह से होने लगेगा.? यह उनके लिए अबूझ पहेली थी. इसी उपन्यास में गंगौली का फुन्नन मियां पाकिस्तान का पुरजोर विरोध करते हुए कहता है- “कही इस्लामु है कि हुकूमत बन जैयहें! ऐ भाई, बाप-दादा की क़बूर हियाँ है, चौक इमामबाड़ा हियाँ है, खेत-बाड़ी हियाँ है। हम कोनो बुरबक है कि तोरे पाकिस्तान जिंदाबाद में फँस जायँ."
मुसलमान बाहुल्य इस गांव की यही कहानी थी और यही बयान जिसे राही साहब ने इस उपन्यास में लिखा है. कई कैरेक्टर्स और कई कहानियाँ एक साथ लेकर चलती इस किताब में हर उस स्थिति और समस्या का ज़िक्र है जिसे बंटवारे ने लोगों के हिस्से जबर्दस्ती मढ़ दिया.
बंटवारे के दौरान इस गांव की कहानी आपको जरूर सरप्राइज करेगी और अलग तरह से शायद समृद्ध भी करे.
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