Rathoron Ki Kuldevi Shri Nagnechiyan Mata
Regular price
₹ 70
Sale price
₹ 70
Regular price
Unit price
Save
Item Weight | 400 Grams |
ISBN | 978-9385593031 |
Author | Bhawani Singh Patawat |
Language | Hindi |
Publisher | Rajasthani Granthagar |
Pages | NA |
Book Type | Paperback |
Publishing year | 2022 |
Return Policy | 5 days Return and Exchange |

Rathoron Ki Kuldevi Shri Nagnechiyan Mata
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
श्री नागणेचियाँ मातादो शब्द भारत में शक्ति की उपासना प्राचीनकाल से ही अनवरत चली आ रही है। अभिलेखीय प्रमाणों से शक्ति की उपासना के अनगिनत प्रमाण मिलते है। मध्यकाल में, जीवन में युद्व और भय का वातावरण बना रहने से सूरवीर शक्ति के अवतार दुर्गा को अपनी आराध्या मानते थे। युद्व के समय योद्वा ‘जय माताजी’ का उद्घोष्ष किया करते थे। also वैदिक युग से ही शक्तिपुजा का बड़ा महत्व रहा है। शक्ति के विविध अवतारों की पुजा-अर्चना का उल्लेख महाभारत काल में ही मिलता है। Nagnechiyan Mata Rathores Kuldeviराठौड़ों की कुलदेवीयुद्व के समय योद्वा ‘जय माताजी’ का उद्घोष्ष किया करते थे। वैदिक युग से ही शक्तिपुजा का बड़ा महत्व रहा है। शक्ति के विविध अवतारों की पुजा-अर्चना का उल्लेख महाभारत काल में ही मिलता है। basically बल और बुद्वि-प्रदाता के रूप में शक्ति की उपासना युगो-युगों से होती आई है और आज भी शकित के विविध रूपों की आराधना कर मनुष्ष्य अपने मनोवांछित फल प्राप्त करने की चेष्ष्टा करता रहा है। यह सर्वविदित है कि प्रत्येक कुल या जाति की एक कुलदेवी होती है, जो उस कुल-जाति की रक्षा करती है। राठौड़ वंश में कुलदेवी के रूप में नागणेचियां माताजी पूजित है।all in all राजस्थान के राठौड़ राजवंश की कुलदेवी चक्रेश्वरी, राठेश्वरी, नागणेची या नागणेचिया के नाम से प्रसिद्ध है। श्री नागणेची माता ���े मन्दिर जालोर, जोधपुर, बीकानेर आदि के किलों में भी है।जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने राठौड़ों की कुलदेवी माता नागणेच्या मूर्ति की स्थापना विक्रम संवत 1523 में मेहरानगढ़ में की थी। जोधपुर राज्य की ख्यात में लिखा है कि ‘राव धुहड़ विक्रम संवत 1248 ज्येष्ठ सुदी तेरस ने कर्नाटक देश सूं कुल देवी चक्रेश्वरी री सोना री मूरत लाय न गांव नागाणे थापत किवी। तिनसु नागणेची कहाई।’ मूर्ति में सिंह पर सवार मां नागणेच्या के मस्तक पर नाग फ न फैलाए हैं। माता के हाथों में शंख चक्र आदि हैं। नागणेच्या माता को मंशा देवी, राठेश्वरी, पंखणी माता के नाम से भी संबोधित किया गया है।Nagnechiyan Mata Rathores Kuldeviall in all Nagnechi Mata Itihas-Chamatkar-Aarti-Chalisa-Geet-Dohe (Duhe)-Stuticlick >> अन्य सम्बन्धित पुस्तकेंclick >> YouTube कहानियाँRelatedTRUE
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.
You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.